US: ट्रंप के 15% नामांकन सीमा से प्रभावित अंतरराष्ट्रीय छात्रों की उम्मीदें टूटी

kapil6294
Oct 06, 2025, 3:25 PM IST

सारांश

अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर ट्रंप का 15% नामांकन कैप: अमेरिकी शिक्षा पर प्रभाव ट्रंप का 15% नामांकन कैप: अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए नया संकट अमेरिका में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हाल ही में एक नया विवाद उत्पन्न हुआ है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किया गया 15% नामांकन कैप अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए […]





अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर ट्रंप का 15% नामांकन कैप: अमेरिकी शिक्षा पर प्रभाव


ट्रंप का 15% नामांकन कैप: अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए नया संकट

अमेरिका में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हाल ही में एक नया विवाद उत्पन्न हुआ है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किया गया 15% नामांकन कैप अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। इस नीति के तहत, अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या 15% से अधिक नहीं हो सकती। इसके अलावा, किसी भी एक देश के छात्रों की संख्या 5% तक सीमित कर दी गई है। यह निर्णय अमेरिकी शिक्षा प्रणाली पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

अमेरिकी सरकार का नया प्रस्ताव

इस नए प्रस्ताव को ‘कॉम्पैक्ट फॉर अकैडमिक एक्सीलेंस इन हायर एजुकेशन’ नामक एक मेमो के तहत प्रस्तुत किया गया है। इस मेमो के अनुसार, विश्वविद्यालयों को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन को इस सीमा के भीतर रखना होगा। इससे न केवल शैक्षणिक विविधता में कमी आएगी, बल्कि भारतीय छात्रों जैसे कई छात्रों के लिए अध्ययन के अवसर भी सीमित हो सकते हैं।

भारतीय छात्रों पर प्रभाव

भारत के लिए, अमेरिका में उच्च शिक्षा एक सपना रहा है। हर साल लाखों भारतीय छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने के लिए आवेदन करते हैं। लेकिन अब, इस नए नियम के कारण, भारतीय छात्रों की संख्या में कमी आ सकती है। इससे न केवल वे छात्र जिन्हें विदेश में अध्ययन करने का अवसर मिला है, प्रभावित होंगे, बल्कि वे छात्र भी जो भविष्य में अमेरिका में पढ़ाई करने की योजना बना रहे थे।

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छात्रों की चिंताएँ

छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच इस नए नामांकन कैप के प्रति चिंता बढ़ रही है। कई छात्रों का मानना है कि यह नीति अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अमेरिका में अध्ययन करने का सपना तोड़ सकती है। इस नीति के पीछे के तर्कों में से एक यह है कि अमेरिका में स्थानीय छात्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। लेकिन सवाल यह है कि क्या इससे अमेरिका की शैक्षणिक गुणवत्ता पर असर पड़ेगा?

संभावित समाधान और विकल्प

अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई संभावित समाधान सुझाए जा रहे हैं। इनमें से कुछ में शामिल हैं:

  • अधिकारों की रक्षा: छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन करना।
  • सकारात्मक संवाद: विश्वविद्यालयों और सरकार के बीच सकारात्मक संवाद स्थापित करना।
  • वैकल्पिक गंतव्यों की खोज: छात्रों को अन्य देशों में अध्ययन के अवसरों की तलाश करने के लिए प्रेरित करना।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता

अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए यह समय है कि वे एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं। विश्वविद्यालयों और सरकारों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों का योगदान अमेरिकी शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण है। यदि यह नीति लागू होती है, तो इससे न केवल छात्रों की संभावनाएँ प्रभावित होंगी, बल्कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्थिति पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा।

अंत में

ट्रंप का यह नया नामांकन कैप अमेरिकी शिक्षा प्रणाली में एक नया अध्याय है, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए कई चुनौतियाँ लेकर आया है। छात्रों को इस चुनौती का सामना करते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना होगा। यह समय है कि हम एकजुट होकर इस मुद्दे पर चर्चा करें और समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करें।



कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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