
शरद पूर्णिमा 2025: मां लक्ष्मी स्तुति | छवि: Freepik
शरद पूर्णिमा 2025 मां लक्ष्मी स्तुति: हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन, चंद्रमा की पूजा के साथ-साथ मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। इसे कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ पूर्ण होता है, जिससे उसकी रोशनी में खीर रखने से वह अमृत के समान हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस खीर को खाने से न केवल रोगों से मुक्ति मिलती है, बल्कि जीवन की सभी समस्याओं का समाधान भी होता है।
शरद पूर्णिमा के दिन, यदि आप आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो महालक्ष्मी का स्तोत्र का पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। इस वर्ष, शरद पूर्णिमा का व्रत 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
इस लेख में हम ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी से विस्तार से जानेंगे कि कैसे शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए।
शरद पूर्णिमा के दिन जरूर करें महालक्ष्मी स्तुति का पाठ
सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।
पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।2।।
विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।
विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।3।।
धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।
धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।4।।
धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।
धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।5।।
मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।
प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।6।।
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गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।
अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।7।।
धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।
वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।8।।
जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।
जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।9।।
भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।
भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।10।।
कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।
कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।11।।
आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।
आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।12।।
सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।
सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।13।।
सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।
रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।14।।
साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।
मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।15।।
मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।
मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।।16।।
सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।17।।
शुभं भवतु कल्याणी आयुरारोग्य सम्पदाम्।
महालक्ष्मी स्तुति का पाठ करने का महत्व
यदि आप आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो शरद पूर्णिमा के दिन महालक्ष्मी स्तुति का पाठ करना अति महत्वपूर्ण है। इस दिन मां लक्ष्मी की आराधना से न केवल घर में सुख-शांति का आगमन होता है, बल्कि यह जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान भी कर सकता है।
महालक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि का अनुभव होता है। इस दिन की गई पूजा और स्तुति से परिवार के सभी सदस्यों के जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। अतः इस शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की विशेष आराधना करें और अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।