हनुमान जी की आरती: मंगलवार का महत्व
हनुमान जी की आरती का महत्व मंगलवार के दिन विशेष रूप से बढ़ जाता है। हनुमान जी, जिन्हें संकट मोचन कहा जाता है, की पूजा करने से हमारे जीवन के सभी दुख और संकट दूर होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, हनुमान जी की आराधना से जीवन में खुशियों का आगमन होता है। भक्तजन इस दिन हनुमान जी की आरती करके उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं और अपने जीवन के संकटों को दूर कर सकते हैं।
हनुमान जी की पूजा में कुछ विशेष मंत्रों का जाप भी किया जाता है, जो उनकी कृपा प्राप्त करने में सहायक होते हैं। इन मंत्रों के जप से मन की शांति और मानसिक स्थिरता मिलती है, जिससे व्यक्ति अपने कार्यों में सफल होता है।
हनुमान जी की पूजा सामग्री और भोग
मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा के दौरान लड्डू और फल का भोग लगाना चाहिए। यह भोग विशेष रूप से हनुमान जी को प्रिय होता है और इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है। भक्तजन इस दिन विशेष ध्यान रखते हैं कि पूजा विधि सही तरीके से संपन्न हो ताकि भगवान की कृपा प्राप्त हो सके।
इस दिन भक्तजन अपने घरों में स्वच्छता का ध्यान रखते हैं और पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखते हैं। पूजा के बाद लड्डू और फल का प्रसाद सभी भक्तों में बांटा जाता है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
हनुमान जी के विशेष मंत्र
हनुमान जी की पूजा के दौरान निम्नलिखित विशेष मंत्रों का जप किया जा सकता है:
- ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय अक्षिशूलपक्षशूल शिरोऽभ्यन्तर शूलपित्तशूलब्रह्मराक्षसशूलपिशाचकुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा।
- ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
श्री हनुमान जी की आरती के बोल
हनुमान जी की आरती का पाठ करना भी बहुत लाभकारी होता है। यहाँ श्री हनुमान जी की आरती के बोल प्रस्तुत हैं:
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके।
अंजनि पुत्र महाबलदायी।
संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे।
सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जमकारे।
अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे।
जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई।
तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै।
बसी बैकुंठ परमपद पावै।
हनुमान जी की आरती का महत्व
हनुमान जी की आरती करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। भक्तों का मानना है कि इस आरती का पाठ करने से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। मंगलवार के दिन विशेष रूप से हनुमान जी की आरती और भोग लगाने से भक्तजन अपने जीवन के कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं।
इस प्रकार, हनुमान जी की आरती का पाठ करना न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह जीवन के उतार-चढ़ाव से निपटने का एक सशक्त साधन भी है। इस दिन हनुमान जी का स्मरण करके भक्तजन अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।