भारतीय जीवन में पंचांग का अध्ययन हर दिन की शुरुआत से पहले करने की परंपरा है। पंचांग केवल तिथियों का ब्योरा नहीं देता, बल्कि यह हमारे दिन को सही दिशा में ले जाने वाला मार्गदर्शक है। आज हम विस्तार से जानेंगे कि 26 सितंबर 2025, शुक्रवार का दिन आपके लिए क्या संदेश लेकर आया है।
आज की तिथि और महत्व
26 सितंबर 2025 को शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। यह तिथि प्रातः 9:33 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन तक रहेगी। पंचमी तिथि देवी शक्ति की आराधना और विद्या प्राप्ति के लिए विशेष मानी जाती है। नवरात्रि का यह चौथा दिन है, जिसे लालिता पंचमी के रूप में मनाया जाता है। देवी लालिता त्रिपुरा सुंदरी की पूजा का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर साधक को अपार सौंदर्य, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सूर्योदय और सूर्यास्त
आज का सूर्योदय सुबह लगभग 6:11 बजे और सूर्यास्त शाम 6:13 बजे होगा। दिन और रात का यह संतुलन विशेष ऊर्जा का संचार करता है। सूर्योदय का समय ब्रह्म मुहूर्त के बाद का होता है, जो ध्यान और पूजा-पाठ के लिए उत्तम माना जाता है।
नक्षत्र और योग
आज का नक्षत्र विशाखा है जो रात 10:09 बजे तक रहेगा, उसके बाद अनुराधा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। विशाखा नक्षत्र में किए गए धार्मिक कार्यों का दीर्घकालिक प्रभाव होता है। इस नक्षत्र का स्वामी गुरु है, जो ज्ञान और समृद्धि का कारक माना जाता है।
आज का योग विष्कम्भा है, जो दिन को बल और स्थिरता प्रदान करता है। विष्कम्भा योग में शुरू किए गए कार्य लंबे समय तक टिकते हैं और सफलता की ओर ले जाते हैं।
चंद्रमा की स्थिति
चंद्रमा आज तुला राशि में गोचर कर रहा है। तुला राशि में चंद्रमा का गोचर मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए अच्छा समय माना जाता है। यह समय रिश्तों में सामंजस्य और बातचीत के माध्यम से समस्याओं को हल करने के लिए अनुकूल है।
राहुकाल और अन्य अशुभ समय
आज शुक्रवार का राहुकाल प्रातः 10:42 बजे से 12:12 बजे तक रहेगा। राहुकाल में कोई भी नया कार्य आरंभ करना वर्जित माना जाता है। यदि कोई जरूरी कार्य करना हो तो इसे राहुकाल से पहले या बाद में करें।
गुलिक काल सुबह 7:41 बजे से 9:11 बजे तक रहेगा जबकि यमगंड काल शाम 4:37 बजे से 5:25 बजे तक है। इन समयों में शुभ कार्यों से बचना ही उत्तम रहता है।
आज का अभिजीत मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त, जो दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है, आज 11:48 बजे से 12:36 बजे तक रहेगा। इस दौरान किए गए कार्यों में सफलता की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। व्यापार में निवेश, नया अनुबंध साइन करना या किसी महत्वपूर्ण परियोजना की शुरुआत इस समय करना विशेष फलदायी हो सकता है।
व्रत और पूजा
आज लालिता पंचमी का विशेष व्रत और पूजा की जाती है। देवी लालिता की पूजा करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। श्रद्धालु लोग इस दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप – कूष्माण्डा देवी की भी पूजा करते हैं।
आज का ज्योतिषीय परामर्श
- धन और करियर: आज का दिन आर्थिक निर्णयों और व्यापारिक लेन-देन के लिए अनुकूल है। नई योजनाओं पर विचार कर सकते हैं।
- स्वास्थ्य: तुला राशि का चंद्रमा मानसिक संतुलन को बेहतर बनाता है। योग और ध्यान का अभ्यास लाभकारी रहेगा।
- संबंध: रिश्तों में सौहार्द बढ़ेगा। पुराने विवाद सुलझाने का यह अच्छा समय है।
- यात्रा: छोटी दूरी की यात्रा सफल हो सकती है, पर राहुकाल का ध्यान रखें।
निष्कर्ष
26 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। पंचमी तिथि, नवरात्रि का चौथा दिन और लालिता पंचमी का संगम इसे और भी विशेष बना देता है। यदि आप दिन की शुरुआत शुभ विचारों के साथ करते हैं और सही समय पर कार्यों की शुरुआत करते हैं, तो सफलता निश्चित है। राहुकाल और अशुभ मुहूर्त का ध्यान रखें और अभिजीत मुहूर्त में कार्य करें। आज का दिन आध्यात्मिक साधना, पूजा-पाठ और सकारात्मक ऊर्जा संचार के लिए उत्तम है।