राजस्थान के अस्पतालों में सर्जिकल आइटम की कमी, लोकल परचेज पर मजबूर
राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। पिछले चार महीनों से प्रदेश के अस्पतालों में मेडिसिन और सर्जिकल आइटम की सप्लाई का काम ठप हो गया है। राजस्थान मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएमएससीएल) द्वारा सप्लाई न किए जाने के कारण अस्पतालों को लोकल परचेज (एलपी) की ओर रुख करना पड़ा है। इस स्थिति में अस्पतालों को अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है, जो कि मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की लागत को प्रभावित कर रही है।
हाल की रिपोर्टों के अनुसार, प्रदेशभर के अस्पतालों ने चार महीनों में 2.70 करोड़ रुपए के सर्जिकल आइटम की लोकल परचेज की है। नियमन के अनुसार, अस्पताल खुद के स्तर पर खरीदी कर सकते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया की कोई जांच नहीं होती, जिससे अनियमितता की संभावना बढ़ जाती है।
सर्जिकल आइटम की आपूर्ति में भारी कमी
राज्य में 584 प्रकार के सर्जिकल आइटम की सप्लाई में से केवल 379 प्रकार के आइटम की ही आपूर्ति की जा रही है। नवंबर में यह संख्या घटकर केवल 77 रह जाएगी, जिससे मरीजों को आवश्यक उपचार मिलने में कठिनाई होगी।
- अस्पतालों में 140 से अधिक प्रकार के सूचर उपलब्ध हैं, लेकिन केवल 70 के करीब ही सप्लाई हो रही है। अब तक 21 लाख की लोकल परचेज हो चुकी है।
- सर्जिकल टेप और स्टेपलर के लिए 32 लाख की खरीदी की गई है।
- ब्लड रोकने के लिए 11 लाख के हीमोस्टेटिक आइटम खरीद लिए गए हैं।
- इंप्लांट, सर्जिकल मास्क, सिरिंज व कैनुला के लिए 19 लाख की लोकल परचेज हो चुकी है।
- एनेस्थीसिया मास्क, सेंटर लाइन, कीमोपॉट, और कार्डियो गाइड वायर के लिए 22 लाख की लोकल परचेज हो चुकी है।
राजधानी जयपुर के अलावा जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर और अजमेर जैसे शहरों में भी लगातार लोकल परचेज की जा रही है। यहाँ हर महीने 20 से 25 लाख रुपए के लोकल आइटम खरीदे जा रहे हैं। यह स्थिति अस्पतालों में दैनिक कामकाज को प्रभावित कर रही है, जिससे मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है।
टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता
सर्जिकल आइटम की सप्लाई में देरी के कारण 21 जून 2024 को जारी किए गए टेंडर को भी कैंसिल करना पड़ा। इस टेंडर के तहत 148 प्रकार के सूचर और सर्जिकल आइटम की सप्लाई की जानी थी, लेकिन एक साल में भी सप्लाई नहीं हो सकी। इसके अतिरिक्त, 221 सर्जिकल और सूचर आइटम के लिए चार टेंडर और मांगे गए थे, लेकिन उनकी प्रक्रिया भी अधूरी रह गई।
जब इस मुद्दे पर गायत्री राठौड़, स्वास्थ्य सचिव से सवाल किया गया, तो उन्होंने आरएमएससीएल के एमडी पुखराज सैन का नाम लिया। लेकिन, पुखराज सैन इस संबंध में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।
आने वाले महीने में सप्लाई में और कमी
आरएमएससीएल की ओर से 379 सर्जिकल और सूचर आइटम का रेट कॉन्ट्रैक्ट है, जिसमें से 302 का सप्लाई 30 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा। ऐसे में, अगर सप्लाई में और कमी आई तो नवंबर माह से केवल 77 आइटम की ही आपूर्ति होगी। यह स्थिति चिकित्सा सेवाओं में और अधिक बाधा उत्पन्न कर सकती है।
कमेटी का गठन और विशेषज्ञों की राय
आरएमएससीएल में किसी भी टेंडर को करने के लिए टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी (टीएसी) स्पेसिफिकेशन देती है, जिसे चिकित्सा मंत्री द्वारा अनुमोदित किया जाता है। हालाँकि, अब हर टेंडर में स्पेसिफिकेशन के लिए अलग से कमेटियां बनाई जा रही हैं, जिससे प्रक्रिया में और जटिलता आ रही है। आरएमएससीएल मेडिकल एजुकेशन को इस संबंध में लेटर लिख रहा है और विशेषज्ञों की राय ली जा रही है।
इस प्रकार, राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए आवश्यक है कि जिम्मेदार अधिकारी तत्काल कदम उठाएं, ताकि मरीजों को समय पर और उचित उपचार मिल सके।