उदयपुर में दीपावली मेले की रौनक
उदयपुर में नगर निगम द्वारा आयोजित दीपावली मेले 2025 की रंगत मंगलवार को अपने चरम पर पहुंच गई। इस अवसर पर सचेत परंपरा ने अपने अद्भुत गायन से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की चौथी शाम मस्ती भरे नगमों के दीवानों के नाम रही, जहां फेमस यूथ सिंगर्स सचेत और परंपरा ने अपनी प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया।
सचेत परंपरा की प्रस्तुति
सचेत परंपरा ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत ‘बेख्याली में ही तेरा ही ख्याल आए’ गाने से की। इसके बाद उन्होंने ‘रंजन’ गाने के साथ कार्यक्रम का आगाज किया। उनके गायन में शिव तांडव और राम सियाराम भजनों ने भक्ति का माहौल बना दिया। सचेत और परंपरा की जोड़ी, जो कि ‘द वॉइस इंडिया’ के पहले सीजन के फाइनलिस्ट रह चुके हैं, ने हर गाने में अपना जलवा बिखेरा।
दर्शकों की भारी भीड़
कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही सचेत परंपरा के फैंस की वजह से मेला प्रांगण खचाखच भर गया। सुरक्षाकर्मियों ने व्यवस्था संभाली और जैसे ही दोनों कलाकार स्टेज पर आए, दर्शकों ने अपने मोबाइल से शूटिंग और हूटिंग करना शुरू कर दिया। सचेत परंपरा ने दर्शकों को शुरुआत से ही बांध रखा, और युवाओं ने हर गाने पर जमकर ठुमके लगाए।
संगीत के प्रति लगाव
सचेत और परंपरा ने अपने बढ़ते करियर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि संगीत से उनका लगाव बचपन से है। उन्होंने कहा, “द वॉइस इंडिया जैसे मंच ने हमें इस मुकाम पर पहुंचाने में मदद की है।” उन्होंने उभरते कलाकारों को यह सलाह दी कि जो युवा इस क्षेत्र में अपना मुकाम बनाना चाहते हैं, वे हमेशा नशे से दूर रहें और मेहनत में कभी कमी न रखें।
भक्ति और भजनों की बारिश
आज होगी लक्खा और स्वाति भजन नाइट। नगर निगम मेले के पांचवें दिन आज भक्ति और भजनों की बारिश होगी। प्रसिद्ध भजन सिंगर लखबीर सिंह लक्खा और स्वाति मिश्रा अपने भजनों की प्रस्तुति देंगे। इस कार्यक्रम का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है।
संगीत और संस्कृति का संगम
उदयपुर का यह दीपावली मेला न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है, बल्कि यह स्थानीय कलाकारों को भी अपने हुनर दिखाने का एक बेहतरीन मंच प्रदान करता है। सचेत और परंपरा जैसे युवा सिंगर्स की सफलता इस बात का प्रमाण है कि मेहनत और लगन से किसी भी क्षेत्र में सफलता पाई जा सकती है।
दीपावली मेले का महत्व
दीपावली का यह मेला हर साल उदयपुर में धूमधाम से मनाया जाता है। यह अवसर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति को भी बढ़ावा देता है। इस मेले में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें नृत्य, संगीत और नाटक शामिल होते हैं।
उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष का दीपावली मेला और भी भव्य और आकर्षक रहेगा। सभी स्थानीय कलाकार और प्रतिभागियों के प्रयास से यह मेला एक यादगार अनुभव प्रदान करेगा।