जसोल का 50-वर्षीय विकास-दृष्टि पत्र: एक नई दिशा की ओर
राजस्थान के जसोल में श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान ने उपखंड अधिकारी अशोक कुमार विश्नोई को ‘जसोल का 50-वर्षीय विकास-दृष्टि पत्र (2025–2075)’ सौंपा है। यह पत्र सोमवार को प्रस्तुत किया गया, जिसमें जसोल को अगले पचास वर्षों में धार्मिक, आर्थिक, सामाजिक और भौतिक रूप से समृद्ध बनाने का रोडमैप तैयार किया गया है। इस विकास-दृष्टि पत्र के माध्यम से जसोल को एक नई पहचान और दिशा देने की योजना है।
संस्थान के प्रवक्ता एवं समिति सदस्य कुंवर हरिश्चंद्र सिंह जसोल ने कहा कि जसोल राजस्थान के धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिकता और आधुनिकता का सही संतुलन बनाकर ‘जीवन-योग्य और विकसित जसोल’ का निर्माण करना है। यह दृष्टि पत्र न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि आर्थिक और सामाजिक पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में जसोल का विकास
दृष्टि पत्र के अनुसार, जसोलधाम को एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें कई महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है, जैसे:
- तीर्थ मार्गों का विस्तार
- आधुनिक धर्मशालाओं का निर्माण
- प्रसाद और स्मृति-चिह्न उद्योगों को बढ़ावा देना
इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही, वार्षिक मेले और सांस्कृतिक उत्सवों के माध्यम से जसोल की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
आधारभूत संरचना का विकास
जसोल के विकास में आधारभूत संरचना पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नगर में चौड़ी सड़कें, बाईपास मार्ग और आपातकालीन कनेक्टिविटी की योजनाएं बनाई जाएंगी। पैदल और साइकिल मार्गों के साथ-साथ बस रूट और क्षेत्रीय यातायात को भी बेहतर बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, स्थानीय उत्पादों के लिए लॉजिस्टिक हब और पैकिंग केंद्र की स्थापना से व्यापार में सुगमता आएगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
जल प्रबंधन और कृषि सुधार
जल प्रबंधन और कृषि सुधार को जसोल के भविष्य का आधार माना गया है। इसमें वर्षाजल संचयन, तालाबों और नाडियों का पुनरुद्धार शामिल है। इसके अलावा, किसानों के लिए आधुनिक सिंचाई तकनीक, भंडारण सुविधाएँ और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इस प्रकार, कृषि को स्थायी और लाभकारी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।
उद्योग, उद्यमिता और रोजगार सृजन
दृष्टि पत्र में स्थानीय स्तर पर उद्योग और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया गया है। हस्तशिल्प, कृषि-आधारित उद्योग और छोटे उद्यमों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही, युवाओं और महिलाओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र, ऋण सुविधा और ई-कॉमर्स से जुड़ाव सुनिश्चित किया जाएगा। स्वयं सहायता समूहों और स्टार्टअप को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाएं
जसोल के विकास के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। दृष्टि पत्र में आधुनिक विद्यालयों, तकनीकी संस्थानों और खेल मैदानों के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में सामुदायिक अस्पताल, ट्रॉमा सेंटर और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को सशक्त किया जाएगा। इसके अलावा, वृद्ध, दिव्यांग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष सामाजिक सहयोग योजनाएँ लागू की जाएंगी।
कुंवर हरिश्चंद्र सिंह जसोल ने कहा कि यह “विकास-दृष्टि” केवल एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि जसोल के स्वर्णिम भविष्य का संकल्प है। इसमें हर नागरिक को सहभागी बनाने की भावना है, ताकि जसोल आने वाले 50 वर्षों में राजस्थान का आदर्श नगर बन सके। यह पहल न केवल जसोल के लिए, बल्कि समग्र राजस्थान के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगी।