Rajasthan News: Restaurant विवाद, युवक ने लगाया बदतमीजी का आरोप



जयपुर के रेस्टोरेंट में विवाद: खाने के दौरान हुई नोकझोंक राजस्थान की राजधानी जयपुर के टोंक रोड पर स्थित एक निजी रेस्टोरेंट में 3 अक्टूबर की रात को खाने के…

Rajasthan News: Restaurant विवाद, युवक ने लगाया बदतमीजी का आरोप

जयपुर के रेस्टोरेंट में विवाद: खाने के दौरान हुई नोकझोंक

राजस्थान की राजधानी जयपुर के टोंक रोड पर स्थित एक निजी रेस्टोरेंट में 3 अक्टूबर की रात को खाने के दौरान एक विवाद खड़ा हो गया। सूत्रों के अनुसार, यह विवाद रेस्टोरेंट में बैठने की जगह और सर्विस को लेकर शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि इस घटना का वीडियो बनाने वाले एक युवक ने रेस्टोरेंट के स्टाफ पर बदतमीजी करने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि उन पर चोरी से खाना खाने का आरोप लगाया गया।

भीड़ और जगह की कमी से बढ़ा तनाव

युवक ने यह भी आरोप लगाया कि रेस्टोरेंट में क्षमता से अधिक लोग मौजूद थे और अंदर जगह कम थी। इस कारण से उन्होंने जवान, बच्चे और बुजुर्ग सभी के साथ धक्का-मुक्की और गाली-गलौच का सामना किया। पार्किंग पूरी भरी हुई थी और फ्री पार्किंग के नाम पर पैसे वसूले जा रहे थे, लेकिन रसीद नहीं दी जा रही थी। युवक ने सवाल उठाया कि जब भीड़ बढ़ रही थी, तो उसे समय रहते क्यों नहीं रोका गया और पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए।

रिफंड की मांग और स्टाफ के प्रति नाराजगी

जब विवाद बढ़ा, तो रेस्टोरेंट के मैनेजर ने स्टाफ की ओर से युवकों से माफी भी मांग ली। लेकिन युवक रिफंड की मांग को लेकर अड़ गए। वीडियो में युवक ने कहा, “हमारे साथ यहां बदतमीजी हुई है। मैंने दस हजार रूपए दिए हैं। आपके वेटर बदतमीजी कर रहे हैं। हमें खाना नहीं खाना। आप हमारा रिफंड कर दो। आपके माफी मांगने से जो बेइज्जती हुई है, वो वापस नहीं आएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि रेस्टोरेंट में स्पेस की कमी के बावजूद कस्टमर्स को अंदर भरा जा रहा था और स्टाफ गालियां दे रहा था।

रेस्टोरेंट मैनेजर का पक्ष

रेस्टोरेंट के मैनेजर गोविंद शर्मा ने इस पूरे मामले पर अपनी राय देते हुए कहा कि युवक तय समय स्लॉट से पहले आए थे। उस समय रेस्टोरेंट में लगभग 3500 कस्टमर्स मौजूद थे। उन्होंने बताया कि शाम के समय रेस्टोरेंट में हमेशा भीड़ अधिक होती है। इसके कारण उन्होंने थोड़ी देर रुकने को कहा था। मैनेजर ने कहा, “फिर भी मैंने माफी मांगी और उन्हें दूसरी जगह बैठने की पेशकश की, लेकिन वे रिफंड पर अड़े रहे। हर कस्टमर को रिफंड देना संभव नहीं था।”

पुलिस तक मामला नहीं पहुंचा

इस पूरे हंगामे के बावजूद, दोनों पक्षों की ओर से अभी तक कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं करवाया गया है। संगानेर सदर के थानाधिकारी अनिल जैमन ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमारे पास कोई भी शिकायत नहीं आई है और न ही इस प्रकार की कोई सूचना है।” इससे यह स्पष्ट होता है कि मामले को लेकर कोई औपचारिक कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है।

समाजिक मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता

इस प्रकार के घटनाक्रम न केवल रेस्टोरेंट की प्रतिष्ठा को प्रभावित करते हैं, बल्कि समाज में एक नकारात्मक संदेश भी देते हैं। जहाँ एक ओर रेस्टोरेंट मालिको को अपने ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है, वहीं उपभोक्ताओं को भी अपनी समस्याओं को सही तरीके से उठाने की आवश्यकता है।

कुल मिलाकर, यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि जब भीड़ एवं व्यवस्थापन के मुद्दे एक साथ आते हैं, तो तनाव उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि सभी पक्ष एक-दूसरे के प्रति सहिष्णुता और समझदारी का भाव रखें।

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