Rajasthan News: Promotion IAS की 20 अधिकारियों का पोस्टिंग का इंतजार, पूर्व सरकारों में आधे से ज्यादा जिलों की मिलती थी जिम्मेदारी, 41 में से सिर्फ 12 को मिली तैनाती



राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसरों की नई पोस्टिंग में देरी, नाराजगी बढ़ी राजस्थान में हाल ही में जिन अधिकारियों को राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में…

राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसरों की नई पोस्टिंग में देरी, नाराजगी बढ़ी

राजस्थान में हाल ही में जिन अधिकारियों को राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में प्रमोट किया गया था, वे पिछले तीन महीनों से अपने पुराने पदों पर कार्यरत हैं। इस बीच, राजस्थान पुलिस सेवा (RPS) से भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में पदोन्नति पाने वाले 5 अधिकारियों को नई पोस्टिंग मिल गई है। इससे प्रशासनिक अधिकारियों के एक वर्ग में अंदरखाने नाराजगी बढ़ गई है।

हालांकि, अधिकारी खुलकर इस मुद्दे का विरोध करने से बच रहे हैं। राजस्थान प्रशासनिक सेवा एसोसिएशन ने इस भेदभाव पर चिंता व्यक्त की है। 2024 के लिए IAS पदोन्नति रिक्तियों के खिलाफ 16 RAS अधिकारियों को प्रमोशन मिला था, जबकि अन्य सेवाओं के 4 अधिकारियों को भी IAS बनाया गया था। इस स्थिति में, राज्य IAS अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है, और 45 विभागों का जिम्मा अन्य अधिकारियों को संभालना पड़ रहा है।

प्रमोट हुए IAS अधिकारियों का इंतजार और IPS अधिकारियों को मिली पोस्टिंग

राजस्थान में कुल 16 RAS और 4 अन्य सेवाओं के अधिकारियों का IAS में प्रमोशन हुआ था। यह अधिसूचना केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा 30 जून 2025 को जारी की गई थी। लेकिन अक्टूबर का महीना आने के बावजूद, सभी प्रमोटेड अधिकारी पुराने पदों पर कार्यरत हैं।

वहीं, केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 2 सितंबर 2025 को 5 अधिकारियों को IPS में पदोन्नति दी थी, और 23 सितंबर 2025 को उन्हें नई पोस्टिंग भी दे दी गई। इस भेदभाव को लेकर प्रमोटेड IAS अधिकारियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

IAS अधिकारियों को नई पोस्टिंग में देरी के कारण

1. अधिकारियों की तैनाती में भेदभाव – राजस्थान में सरकारें अपने अनुसार अधिकारियों की तैनाती करती रही हैं। चाहे वह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हों या वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल, ब्यूरोक्रेसी में दो खेमे बन गए हैं। एक प्रमोटी IAS अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मुख्यमंत्री के आस-पास ज्यादातर सीधे भर्ती के IAS होते हैं, जिससे प्रमोटी अधिकारियों की पहुंच कम होती है।

2. राज्य सरकार की सिफारिश पर प्रमोशन – विशेषज्ञों का मानना है कि प्रमोटी IAS अधिकारियों को राज्य सरकार की सिफारिश पर ही प्रमोट किया जाता है। ऐसे में, किस अधिकारी की पोस्टिंग कहां करनी है, यह पूरी तरह से मुख्यमंत्री के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है।

3. भ्रष्टाचार पर सख्ती – पिछले वर्षों में प्रमोटी IAS अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। कई अधिकारियों को एसीबी ने रंगे हाथ भी पकड़ा है। इसलिए, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ऐसे अधिकारियों को साइडलाइन करने में देरी नहीं कर रहे हैं।

फील्ड पोस्टिंग न होने से प्रशासन पर असर

राजस्थान सरकार अब अधिकारियों की कमी से जूझ रही है। करीब 45 विभागों का अतिरिक्त चार्ज अन्य अधिकारियों को सौंपा गया है, जिसका असर आम जनता पर पड़ रहा है। रूटीन कार्य समय पर नहीं हो पा रहा है, जिससे योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हो रहा है।

उदाहरण के लिए, पंचायतीराज विभाग में कोई पूर्णकालिक IAS अधिकारी नहीं है, और इससे राज्य की बड़ी आबादी प्रभावित हो रही है। सरपंच चुनावों के समय, छोटे-मोटे कार्यों के लिए जनता को चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

राज्य में विभिन्न विभागों के खाली पद और कामकाज प्रभावित

मुख्य सचिव सुधांश पंत समेत करीब 45 IAS अधिकारी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। इसके बावजूद भी सरकार प्रमोशन पाने वाले IAS अधिकारियों को पोस्टिंग नहीं दे रही है। किसानों से संबंधित विभाग का अतिरिक्त चार्ज मुख्य सचिव के पास है, जिससे कृषि संबंधी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।

क्या प्रमोटेड अधिकारियों को चुनौती देने का अधिकार है?

हर IAS-IPS अधिकारी की ख्वाहिश होती है कि वह जिले का कलेक्टर या एसपी बने, लेकिन इसे कानूनी तौर पर चुनौती नहीं दी जा सकती। मुख्य सचिव और डीजीपी की जिम्मेदारी होती है कि हर अधिकारी को जिले में काम करने का मौका मिले।

पिछली सरकारों में प्रमोशन का मामला

पिछली गहलोत सरकार में 18 से ज्यादा जिलों की कमान प्रमोटी IAS अधिकारियों के हाथ में थी। इसके विपरीत, वर्तमान सरकार में प्रमोटी अधिकारियों को कम अवसर मिल रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस मुद्दे पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रमोटेड IAS और IPS अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग नहीं मिलने से प्रशासन के कामकाज पर गंभीर असर पड़ रहा है।

आरएएस एसोसिएशन का कहना- भेदभाव ठीक नहीं

आरएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर खराड़ी ने कहा कि सरकार को तबादला और पोस्टिंग का अधिकार है, लेकिन भेदभाव नहीं होना चाहिए। प्रमोटी अधिकारियों के पास अधिक फील्ड अनुभव होता है, और उन्हें जिलों के कलेक्टर पद पर तैनात किया जाना चाहिए।

राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारी या राज्य की अन्य सेवाओं के योग्य अधिकारी अपनी वरिष्ठता और उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन के आधार पर IAS-IPS बनते हैं। कार्मिक विभाग की ओर से एक पैनल तैयार करके केंद्र सरकार को भेजा जाता है, जिसके बाद चयन समिति के माध्यम से नामों का चयन किया जाता है।

लेखक –

Recent Posts

copyrights @ 2025 khabar24live

Exit mobile version