Give Up अभियान: बूंदी में 54 हजार लोगों ने छोड़ी खाद्य सब्सिडी, असल हकदारों को मिल रहा लाभ, 31 अक्टूबर तक जारी रहेगा अभियान



बूंदी में खाद्य सब्सिडी का त्याग करने वाले 54 हजार लोग बूंदी में खाद्य सब्सिडी छोड़ने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि राजस्थान के बूंदी जिले में हाल ही में…

Give Up अभियान: बूंदी में 54 हजार लोगों ने छोड़ी खाद्य सब्सिडी, असल हकदारों को मिल रहा लाभ, 31 अक्टूबर तक जारी रहेगा अभियान

बूंदी में खाद्य सब्सिडी का त्याग करने वाले 54 हजार लोग

बूंदी में खाद्य सब्सिडी छोड़ने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि

राजस्थान के बूंदी जिले में हाल ही में एक महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन देखने को मिला है। यहाँ पर54,542 संपन्न लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का त्याग करने का निर्णय लिया है। यह कदम न केवल व्यक्तिगत लाभ का त्याग है, बल्कि इससे जिले में 1,07,538 पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ने का अवसर भी मिला है। इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं।

खाद्य सुरक्षा योजना की प्रभावशीलता

जिला रसद अधिकारी ने बताया कि स्वेच्छा से खाद्य सब्सिडी छोड़ने वालों की संख्या में वृद्धि का मुख्य कारण सामाजिक जागरूकता और जिम्मेदारी का अहसास है। इस योजना के तहत, विभाग द्वारा पात्रता का सत्यापन डोर टू डोर किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल योग्य लाभार्थियों को ही खाद्य सुरक्षा का लाभ मिल रहा है।

नए लाभार्थियों की निगरानी

इस प्रक्रिया में नए जुड़े लाभार्थियों की पात्रता की नियमित मॉनिटरिंग भी की जा रही है। जिला रसद अधिकारी ने बताया कि अपात्र लोगों की सूची बनाकर उन्हें सार्वजनिक स्थानों जैसे पंचायत समितियों, नगर पालिकाओं, कलेक्ट्रेट और रसद कार्यालयों में चस्पा किया जाएगा। इसके साथ ही, अपात्रों को नोटिस भी दिए जाएंगे और गेहूं वसूली की विधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी।

अपात्र लाभार्थियों से वसूली की प्रक्रिया

31 अक्टूबर तक स्वेच्छा से गिव अप नहीं करने वाले अपात्र लाभार्थियों से 1 नवंबर से 30 रुपए 57 पैसे प्रति किलोग्राम गेहूं की दर से वसूली की जाएगी। यह वसूली उन लोगों से की जाएगी जो खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ लेने के हकदार नहीं हैं, लेकिन फिर भी इसका फायदा उठा रहे हैं।

सरल बनाई गई नाम जोड़ने-हटाने की प्रक्रिया

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया को पहले से अधिक सरल बना दिया है। अब पात्र व्यक्ति ई मित्र के माध्यम से घर बैठे ही विभाग के पोर्टल यहाँ अपना नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह सुविधा शहरी और ग्रामीण दोनों स्तरों पर उपलब्ध है।

जिला कलेक्टर को दी गई अधिकृतता

एनएफएसए में पात्र वंचितों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने के लिए जिला कलेक्टर को भी खाद्य सुरक्षा सूची में लाभार्थी को शामिल करने के लिए अधिकृत किया गया है। यह कदम खाद्य सुरक्षा योजना की प्रभावशीलता को बढ़ाने में मदद करेगा और सुनिश्चित करेगा कि कोई भी योग्य व्यक्ति इस योजना से वंचित न रहे।

समाज में जागरूकता का विस्तार

बूंदी में खाद्य सब्सिडी का त्याग करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि समाज में जागरूकता का स्तर बढ़ रहा है। लोग अब समझ रहे हैं कि यदि वे आर्थिक रूप से सक्षम हैं, तो उन्हें उन लोगों की मदद करनी चाहिए जो वास्तव में इस सहायता के हकदार हैं। यह पहल न केवल खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि समाज में समर्पण और जिम्मेदारी की भावना को भी बढ़ावा देती है।

इस तरह के सामाजिक बदलावों को देखकर यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में और भी लोग इस दिशा में कदम बढ़ाएंगे। यह बदलाव न केवल बूंदी जिले के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान राज्य के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन सकता है।

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