Spirituality: डॉ. स्वामीनाथन बोले- श्रेष्ठ समाज निर्माण के लिए आध्यात्मिकता अनिवार्य; खरगोन में ब्रह्माकुमारी संस्थान की संगोष्ठी हुई, इंदौर-मुंबई से प्रतिनिधि आए



खरगोन में संगोष्ठी: आध्यात्मिकता के माध्यम से श्रेष्ठ समाज की स्थापना खरगोन में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के समाज सेवा प्रभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह…

Spirituality: डॉ. स्वामीनाथन बोले- श्रेष्ठ समाज निर्माण के लिए आध्यात्मिकता अनिवार्य; खरगोन में ब्रह्माकुमारी संस्थान की संगोष्ठी हुई, इंदौर-मुंबई से प्रतिनिधि आए

खरगोन में संगोष्ठी: आध्यात्मिकता के माध्यम से श्रेष्ठ समाज की स्थापना

खरगोन में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के समाज सेवा प्रभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी “श्रेष्ठ समाज की स्थापना के लिए आध्यात्मिकता की आवश्यकता” विषय पर केंद्रित थी, जिसमें प्रतिष्ठित मुख्य वक्ता डॉ. ईवी स्वामीनाथन ने अपने विचार साझा किए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में आध्यात्मिकता के महत्व को उजागर करना था और यह दर्शाना था कि कैसे यह व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में सुधार ला सकती है।

डॉ. स्वामीनाथन ने अपने भाषण में बताया कि व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन में मूल्यनिष्ठा और उत्कृष्टता का होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जोर दिया कि एक स्थायी और उत्कृष्ट समाज तभी संभव है जब उसके नागरिक क्रोध और नकारात्मक भावनाओं से दूर रहें। दीपावली जैसे त्योहारों के संदर्भ में उन्होंने क्रोध त्यागने की आवश्यकता पर विशेष ध्यान दिया, जिससे प्रेम और शांति का वातावरण निर्मित हो सके।

मूल्य आधारित जीवन और समाज की आवश्यकता

डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि भारतीय समाज की व्यवस्था मूल्य आधारित है, जिसमें विभिन्न पहलुओं जैसे व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक, व्यावसायिक, संगठनात्मक और आत्मिक मूल्य शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन मूल्यों के आधार पर ही एक सशक्त और समृद्ध समाज का निर्माण संभव है। संगोष्ठी में भाग लेने वाले लोगों ने भी इस विचार को सहमति प्रदान की और अपने अनुभवों को साझा किया।

राधाकुंज मांगलिक परिसर में आयोजित इस संगोष्ठी में एक घंटे से अधिक समय तक पारिवारिक, सामाजिक और व्यक्तिगत मूल्यों की स्थापना पर चर्चा हुई। मुंबई, इंदौर और आसपास के शहरों से आए प्रतिनिधियों ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया। खरगोन सेवा केंद्र की ब्रह्माकुमारी किरण दीदी ने उपस्थित लोगों का सम्मान किया और उन्हें इस महत्वपूर्ण विषय पर विचार करने के लिए प्रेरित किया।

सुरक्षा और यातायात नियमों का पालन

संगोष्ठी से पहले, नवग्रह मेला क्षेत्र से संस्था के सेवा केंद्र तक एक वाहन रैली का आयोजन किया गया। इस रैली का उद्देश्य लोगों को यातायात के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करना था। इस रैली में शामिल सभी वाहनों ने यातायात नियमों का पालन करते हुए शहर में एक सकारात्मक संदेश फैलाने का कार्य किया।

इस आयोजन के माध्यम से न केवल आध्यात्मिकता की आवश्यकता को उजागर किया गया, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को भी बढ़ावा दिया गया। संगोष्ठी में उपस्थित लोगों ने इस पहल की सराहना की और इसे समाज के लिए एक सकारात्मक कदम माना।

समाज में बदलाव लाने की आवश्यकता

आध्यात्मिकता और मूल्य आधारित जीवन जीने की दिशा में उठाए गए कदमों की आवश्यकता को समझते हुए, यह संगोष्ठी सिर्फ एक चर्चा का मंच नहीं थी, बल्कि समाज में बदलाव लाने का एक प्रयास भी था। डॉ. स्वामीनाथन ने सभी उपस्थित लोगों को प्रेरित किया कि वे अपने व्यक्तिगत जीवन में इन मूल्यों को अपनाएं और समाज के अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

इस प्रकार, खरगोन में आयोजित यह संगोष्ठी न केवल आध्यात्मिकता के महत्व को दर्शाने के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि यह एक सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में भी एक कदम थी। ऐसे आयोजनों से लोगों में जागरूकता बढ़ती है और वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित होते हैं।

इस संगोष्ठी ने यह स्पष्ट कर दिया कि आध्यात्मिकता और मूल्य आधारित जीवन का पालन करना केवल व्यक्तिगत स्तर पर नहीं, बल्कि सामूहिक स्तर पर भी आवश्यक है। इस दिशा में उठाए गए कदम समाज के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

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