बुरहानपुर में अजगर का रेस्क्यू: लोगों में जागरूकता बढ़ी
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के नेपाननगर स्थित एमजी नगर में रविवार को एक घर से लगभग 12 फीट लंबा अजगर निकलने की घटना ने स्थानीय निवासियों में हड़कंप मचा दिया। जब लोगों को इस विशाल अजगर की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत इसे पकड़ने के लिए सर्पमित्र खेम सिंह महाराज को सूचित किया। खेम सिंह महाराज, जो इस क्षेत्र में मशहूर हैं, ने तत्परता से मौके पर पहुंचकर अजगर को सुरक्षित रेस्क्यू किया और उसे जंगल में छोड़ दिया।
अजगर के निकलने की खबर फैलते ही वहां भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। स्थानीय निवासियों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि पहले वे ऐसे सांपों को देखकर डर जाते थे और उन्हें मारने की कोशिश करते थे। लेकिन अब स्थिति बदल गई है, और लोग सर्पमित्रों से मदद मांगते हैं ताकि इन जीवों को सुरक्षित तरीके से जंगल में छोड़ा जा सके।
सर्पमित्र खेम सिंह महाराज का योगदान
खेम सिंह महाराज ने घटना स्थल पर पहुंचने के बाद लगभग एक घंटे की मेहनत के बाद विशाल अजगर को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। उन्होंने इसे चांदनी के आगे स्थित जंगल में छोड़ दिया, जहां यह सुरक्षित रूप से रह सके। खेम सिंह महाराज ने बताया कि वह अब तक सैकड़ों सांपों, अजगरों और अन्य जहरीले सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं। उनका मुख्य उद्देश्य सांपों के जीवन की रक्षा करना है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर छोड़ना है।
महाराज ने कहा, “अजगर या अन्य सांपों के निकलने पर पहले लोग उन्हें मार देते थे, लेकिन अब जागरूकता बढ़ने के कारण लोग सर्पमित्रों को बुलाते हैं।” यह बदलाव दर्शाता है कि लोग अब वन्यजीवों के प्रति अधिक संवेदनशील हो रहे हैं और उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठा रहे हैं।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने खेम सिंह महाराज के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं अब सामान्य हो गई हैं और लोगों को इस प्रकार के जीवों के प्रति डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि जब भी उन्हें कोई सांप या अजगर दिखाई देता है, वे तुरंत सर्पमित्रों को सूचित करते हैं। यह कदम न केवल उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
- खेम सिंह महाराज का योगदान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे लोगों को शिक्षा देने का कार्य भी करते हैं।
- उनका मुख्य उद्देश्य है लोगों में सांपों के प्रति भय को कम करना और उनके जीवन की रक्षा करना।
- स्थानीय निवासियों में जागरूकता बढ़ने से अब सांपों को मारने के बजाय सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू कराने की प्रवृत्ति बढ़ी है।
निष्कर्ष
इस घटना ने बुरहानपुर के निवासियों को यह सिखाया है कि हमें वन्यजीवों के प्रति सहानुभूति और संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। खेम सिंह महाराज जैसे सर्पमित्रों की मेहनत और प्रयासों के चलते अब लोग सांपों को मारने की बजाय उन्हें सुरक्षित तरीके से जंगल में छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। यह बदलाव न केवल मानवता के लिए, बल्कि हमारे पर्यावरण और वन्यजीवों के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।
इस प्रकार, बुरहानपुर की इस घटना ने न केवल एक अजगर के रेस्क्यू की कहानी बताई है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से हम सभी मिलकर एक बेहतर और सुरक्षित पर्यावरण का निर्माण कर सकते हैं।























