शिक्षक शिवचरण साहू की राज्यपाल से मुलाकात
कोंडागांव जिले के मड़ानार शासकीय उच्च प्राथमिक शाला के शिक्षक शिवचरण साहू ने आज राजभवन में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका से महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस अवसर पर उनके साथ विद्यालय के विद्यार्थी और प्रधान पाठिका हीना साहू भी मौजूद थीं। यह मुलाकात शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रयास
मुलाकात के दौरान, शिक्षक शिवचरण साहू ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विद्यालयों में पूर्व व्यावसायिक शिक्षा को सशक्त बनाने के अपने प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विद्यालय में बच्चों को काष्ठ कला, आत्मरक्षा और बालिका शिक्षा प्रोत्साहन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों में आत्मनिर्भरता और कौशल विकास में मदद मिल रही है।
विद्यार्थियों ने साझा किए अनुभव
इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थी कुमारी कशिक, देवअंश सोनबोइर और अभिषेक सोमवार ने भी अपने कार्य और अनुभव राज्यपाल के साथ साझा किए। विद्यार्थियों ने अपनी कला और कौशलों को प्रदर्शित करते हुए यह बताया कि कैसे ये प्रशिक्षण उन्हें अपने भविष्य के लिए तैयार कर रहा है।
राज्यपाल ने शिक्षक साहू की सराहना की
राज्यपाल रमेन डेका ने शिक्षक शिवचरण साहू द्वारा शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे शिक्षक समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि साहू जैसे शिक्षक पारंपरिक कला को शिक्षा से जोड़कर बच्चों को स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर कर रहे हैं।
अनुदान राशि की घोषणा
राज्यपाल ने इस पहल को प्रोत्साहित करते हुए काष्ठ शिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम के सुचारू संचालन हेतु 50,000 रुपये की अनुदान राशि देने की घोषणा की। यह राशि उन प्रयासों को और अधिक मजबूत बनाने में सहायक होगी, जो शिक्षक शिवचरण साहू द्वारा किए जा रहे हैं।
विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा
इस अवसर पर राज्यपाल ने विद्यार्थियों को मेहनत, अनुशासन और रचनात्मकता को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा का सही उपयोग ही समाज में बदलाव लाने का सबसे प्रभावी तरीका है। राज्यपाल ने शिक्षक शिवचरण साहू को उनके सतत प्रयासों के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
इस प्रकार, यह मुलाकात न केवल शिक्षक शिवचरण साहू के कार्यों की सराहना करने का अवसर थी, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुई। राज्यपाल की ओर से मिली अनुदान राशि से विद्यालय में व्यावसायिक शिक्षा को और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा।