मध्य प्रदेश का महोडिया गांव: पासपोर्ट सेवा की नई पहल में छाया चर्चा
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले का महोडिया गांव, जिसे लोग ‘फुलेरा’ नाम से भी जानते हैं, अब एक नई पहल के कारण सुर्खियों में है। यह गांव अपनी सादगी और पंचायत के किस्सों के लिए मशहूर है, और इसे अमेजन प्राइम की चर्चित वेब सीरीज ‘पंचायत’ में देखा जा सकता है। हाल ही में, विदेश मंत्रालय की मोबाइल पासपोर्ट सेवा वैन ने इस गांव की यात्रा की, जिससे स्थानीय निवासियों के लिए पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया और भी सरल हो गई है।
विदेश मंत्रालय ने इस पहल को सोशल मीडिया के माध्यम से बड़े ही दिलचस्प अंदाज में पेश किया है। पासपोर्ट विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से सीरीज के लोकप्रिय डायलॉग को एक नया ट्विस्ट देते हुए साझा किया। इस ट्वीट में लिखा गया, “देख रहा है ना विनोद… पासपोर्ट मोबाइल वैन अब गांव वालों के लिए आ चुकी है। हैं भैया, अब गांव वालों का पासपोर्ट यहीं से बन जाएगा।” इस प्रकार की जानकारी और संवाद ने लोगों के बीच इस पहल को और भी लोकप्रिय बना दिया है।
महोडिया में पासपोर्ट सेवा का आरंभ
सोमवार को, विदेश मंत्रालय के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, भोपाल से इस मोबाइल वैन को औपचारिक रूप से रवाना किया गया था। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी शीतांशु चौरासिया ने इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने बताया कि इस वैन का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में पासपोर्ट सेवा को सरलता से उपलब्ध कराना है। महोडिया गांव (फुलेरा) पहुंचने के बाद, इस वैन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।
यह पहल न केवल महोडिया गांव के लिए, बल्कि आसपास के अन्य गांवों के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। अब ग्रामीणों को पासपोर्ट बनवाने के लिए शहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे उनकी समय और धन दोनों की बचत होगी।
मोबाइल पासपोर्ट सेवा वैन की सुविधाएं
यह मोबाइल यूनिट एक चलित पासपोर्ट सेवा केंद्र के रूप में कार्य करेगी। वैन में विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
- बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन: यह प्रक्रिया पासपोर्ट के लिए आवश्यक बायोमेट्रिक डेटा एकत्र करती है।
- डॉक्यूमेंट स्कैनिंग: आवश्यक दस्तावेजों की स्कैनिंग की जाती है, जिससे प्रक्रिया सरल और तेज होती है।
- डिजिटल हस्ताक्षर: सभी आवश्यक दस्तावेजों पर डिजिटल हस्ताक्षर के लिए सुविधा प्रदान की जाती है।
- फोटो कैप्चर: वैन में फोटो खींचने की सुविधा भी उपलब्ध है।
- ऑन-साइट वेरिफिकेशन: सभी दस्तावेजों की सत्यापन प्रक्रिया यहीं पर की जाती है।
अधिकारी चौरासिया ने बताया कि वैन में वही प्रक्रिया अपनाई जाती है जो भोपाल पासपोर्ट सेवा केंद्र में होती है। पूरा सेटअप वातानुकूलित है और फोटो खींचने से लेकर दस्तावेज सत्यापन तक की प्रक्रिया यहीं पूरी होती है।
समुदाय के लिए लाभकारी पहल
महोडिया गांव में इस मोबाइल पासपोर्ट सेवा वैन के आने से स्थानीय लोगों को कई लाभ मिलने की उम्मीद है। पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया अब और भी सहज हो गई है, जिससे ग्रामीणों के लिए विदेश यात्रा की संभावनाएं खुलेंगी। इसके साथ ही, यह पहल डिजिटल इंडिया के लक्ष्य के अनुरूप है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी सेवाओं को अधिकतम पहुंचाना शामिल है।
इससे पहले, पासपोर्ट बनवाने के लिए ग्रामीणों को शहरों का रुख करना पड़ता था, जिसमें समय, धन और प्रयास दोनों लगते थे। अब यह वैन उनके दरवाजे पर ही सभी सुविधाएं लेकर आई है।
निष्कर्ष
महोडिया गांव में पासपोर्ट सेवा वैन की शुरुआत एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल स्थानीय निवासियों के लिए, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करती है। इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि सरकार ग्रामीण विकास और नागरिकों की सुविधाओं के प्रति कितनी गंभीर है।
इस प्रकार, महोडिया गांव का यह कदम न केवल पासपोर्ट सेवा को सरल बनाता है, बल्कि यह ग्रामीणों के जीवन में समृद्धि लाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।