विदिशा में पुलिस पंचायत की साप्ताहिक बैठक का आयोजन
विदिशा, मध्य प्रदेश: पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी के निर्देश पर गठित पुलिस पंचायत की साप्ताहिक बैठक मंगलवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रशांत चौबे की उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बैठक में कई वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े विवादों की सुनवाई की गई, जहां आपसी सहमति से उनका समाधान किया गया। यह पहल स्थानीय नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है, जिससे उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान संभव हो पा रहा है।
बैठक में उपस्थित सदस्यों की जानकारी
बैठक में कोर कमेटी के सदस्य डॉ. सचिन गर्ग, अतुल शाह, आर. कुलश्रेष्ठ, प्रमोद व्यास, दिनेश वाजपेयी, अजय टंडन और विनोद शाह भी मौजूद रहे। इन सदस्यों ने वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के समाधान में सक्रिय भूमिका निभाई। इस प्रकार की बैठकें न केवल विवादों का समाधान करती हैं, बल्कि स्थानीय समुदाय के बीच पुलिस और नागरिकों के रिश्ते को भी मजबूत बनाती हैं।
पुलिस पंचायत ने दिलवाया मेहनताना
बैठक में पहले मामले के दौरान, विदिशा के एक बुजुर्ग मजदूर ने शिकायत की कि उसके मेहनताना का भुगतान होटल मालिक ने नहीं किया। पुलिस पंचायत की चर्चा के बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ और होटल मालिक ने मौके पर ही मजदूरी का भुगतान किया। बुजुर्ग ने इस सहायता के लिए पुलिस पंचायत का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें इस तरह की न्याय की उम्मीद नहीं थी।
दुकान विवाद का समाधान
दूसरे मामले में, एक वरिष्ठ महिला और उसके रिश्तेदार के बीच दुकान-मकान को लेकर विवाद था। पुलिस पंचायत ने दोनों को समझाइश देकर समझौते का प्रारूप तैयार किया और अगली सुनवाई पर अंतिम निराकरण के निर्देश दिए। यह कदम न केवल विवाद को सुलझाने में मददगार साबित हुआ, बल्कि दोनों पक्षों के बीच आपसी संबंधों को भी बेहतर बनाने का कार्य किया।
पारिवारिक विवाद समाधान
तीसरे मामले में, नटेरन निवासी एक बुजुर्ग ने अपने बेटे के साथ झगड़े की शिकायत की थी। सुनवाई के दौरान बेटे ने अपनी गलती मानते हुए पिता के पैर छुए और भविष्य में शांतिपूर्ण व्यवहार का वचन दिया। यह घटना पारिवारिक संबंधों में सुधार लाने में मददगार साबित हुई और यह दर्शाती है कि कैसे संवाद के माध्यम से समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
गंजबासौदा का आठ साल पुराना मामला सुलझाया गया
गंजबासौदा के एक अन्य मामले में, आठ साल पुराने गिरवी रखे जेवरों को लेकर विवाद सुलझाया गया। दोनों पक्षों ने मिलकर हिसाब-किताब करने के बाद रकम वापसी पर सहमति जताई। यह मामला यह दिखाता है कि पुलिस पंचायत किस प्रकार पुराने विवादों को सुलझाने में भी सहायक हो रही है, जिससे लोगों को लंबे समय से चले आ रहे विवादों से मुक्ति मिल रही है।
दहेज प्रताड़ना का मामला
इसके अलावा, एक वरिष्ठ महिला द्वारा अपनी बहू पर झूठे दहेज प्रताड़ना प्रकरण दर्ज कराने की शिकायत पर भी पंचायत ने निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी प्रकार की गलतफहमी या अन्याय को समय पर रोका जा सके।
पुलिस पंचायत का महत्व
पुलिस पंचायत की यह पहल न केवल लोगों के विवादों का त्वरित समाधान कर रही है, बल्कि आमजन का पुलिस पर भरोसा भी बढ़ा रही है। यह प्रक्रिया नागरिकों को यह विश्वास दिलाने में मदद कर रही है कि उनकी समस्याओं का समाधान पुलिस द्वारा किया जा सकता है। ऐसे प्रयासों से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद की जा रही है, जहां लोग खुलकर अपनी समस्याओं को साझा कर सकें।