सीहोर जिले में बच्ची की मौत से कांग्रेस का आक्रोश
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के श्यामपुर विकासखंड के ग्राम बरखेड़ी में स्थित मुस्कान अस्पताल में एक दो वर्षीय बच्ची की दर्दनाक मौत ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। इस घटना के बाद कांग्रेस पार्टी सक्रिय हो गई है। शुक्रवार को इच्छावर के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल और कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजीव गुजराती ने मृत बच्ची के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई और इसे एक गंभीर मुद्दा बताया।
फर्जी अस्पतालों पर कांग्रेस का निशाना
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि जिले में फर्जी और अवैध अस्पतालों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है, लेकिन प्रशासन इस समस्या की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. सुधीर डेहरिया पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाएं स्वास्थ्य विभाग की गंभीरता को दर्शाती हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में ऐसी घटनाएं फिर से हो सकती हैं।
मुस्कान अस्पताल संचालक पर FIR और अस्पताल का सील होना
बच्ची की मौत के मामले में मुस्कान अस्पताल के संचालक अशोक विश्वकर्मा के खिलाफ सीहोर कोतवाली में FIR दर्ज की गई है। इसके साथ ही, CMHO डॉ. डेहरिया ने घटना की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय मेडिकल टीम का गठन किया है। डॉ. डेहरिया ने यह भी बताया कि यह अस्पताल पहले से ही 12 दिसंबर को अनियमितताओं के चलते सील किया गया था, लेकिन इसके बाद भी यह अवैध रूप से संचालित होता रहा। बच्ची की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर अस्पताल को सील कर दिया है।
बच्ची की मौत की जानकारी
बच्ची की मौत 7 अक्टूबर को इलाज के दौरान हुई थी। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले की जांच जारी है, और कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन करेंगे। यह मामला न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाता है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर करता है।
स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर चिंता
सीहोर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर चिंता जताई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि अवैध अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो इससे लोगों की जान को खतरा बन सकता है। कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए प्रशासन से मांग की है कि फर्जी अस्पतालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं।
आंदोलन की चेतावनी
कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक बच्ची की मौत का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य सिस्टम की नाकामी का प्रतीक है। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की है कि वे इस मुद्दे पर जागरूक रहें और अपनी आवाज उठाएं।
निष्कर्ष
इस घटना ने न केवल सीहोर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि कांग्रेस पार्टी को एक राजनीतिक मुद्दा भी दिया है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें सख्त सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।