मिग-21 का अंतिम उड़ान समारोह: भारतीय वायुसेना की 62 साल की सेवा को किया सम्मानित



नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के लिए एक ऐतिहासिक पल आने वाला है। 62 साल तक सेवा देने के बाद प्रतिष्ठित लड़ाकू विमान मिग-21 शुक्रवार को चंडीगढ़ में सेवा से विदा…

मिग-21 का अंतिम उड़ान समारोह: भारतीय वायुसेना की 62 साल की सेवा को किया सम्मानित

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के लिए एक ऐतिहासिक पल आने वाला है। 62 साल तक सेवा देने के बाद प्रतिष्ठित लड़ाकू विमान मिग-21 शुक्रवार को चंडीगढ़ में सेवा से विदा लेगा। इस अवसर पर एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा इसे आखिरी बार आकाश की ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।

स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा राजस्थान के झुंझुनूं की रहने वाली हैं और अपने बैच की 35 लड़ाकू पायलटों में अकेली महिला पायलट हैं। वे दिसंबर 2018 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुई थीं और सातवीं महिला पायलट के रूप में प्रशिक्षण पूरा किया। पिछले माह ही उन्होंने मिग-21 के आखिरी ऑपरेशनल मिशन में वायुसेना प्रमुख के साथ बीकानेर से उड़ान भरी थी।


मिग-21 का इतिहास और विदाई समारोह

मिग-21 का भारतीय वायुसेना में इतिहास 1963 से शुरू हुआ। चंडीगढ़ में अप्रैल 1963 में छह मिग-21 विमान पहली बार लैंड किए गए थे। उसी समय स्क्वाड्रन नं. 28 की स्थापना भी हुई।

विदाई समारोह में नंबर 23 स्क्वाड्रन (पैंथर्स) के छह मिग-21 विमान फ्लाइट फॉर्मेशन में भाग लेंगे। समारोह के दौरान विमानों को वाटर कैनन सैल्यूट भी दिया जाएगा, जो भारतीय वायुसेना में किसी विमान के विदाई समारोह का पारंपरिक सम्मान है।


भारत में तेजस विमानों का बड़ा सौदा: मिग-21 की जगह लेगा नया जेट

रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 62,370 करोड़ रुपए का ऐतिहासिक सौदा किया है। इस सौदे के तहत भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस एमके-1ए विमान खरीदे जाएंगे।

इस सौदे का महत्व:

  • भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता को मजबूत करना।
  • वायुसेना को आधुनिक और उन्नत हथियारों से लैस करना।
  • पुराने मिग-21 विमानों की जगह लेना।

सौदे पर हस्ताक्षर गुरुवार को किए गए। इसमें विमानों के साथ सभी आवश्यक उपकरण और सपोर्ट सिस्टम भी शामिल हैं। टैक्स शामिल नहीं है।


तेजस विमान: भविष्य की ताकत

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी ने एक महीने पहले इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
  • विशेषज्ञ मान रहे हैं कि वायुसेना में तेजस विमानों की बड़ी संख्या शामिल होने से यह गेमचेंजर साबित होगा।
  • इससे पहले फरवरी 2021 में HAL के साथ 48,000 करोड़ रुपए का सौदा हुआ था, जिसके तहत 83 तेजस विमान वायुसेना को मिलने हैं। नया सौदा इस श्रृंखला को आगे बढ़ाता है।

डिलीवरी और कार्यान्वयन

रक्षा मंत्रालय के अनुसार तेजस विमानों की डिलीवरी 2027-28 से शुरू होगी और लगभग छह वर्षों में पूरी होगी। ये सिंगल-इंजन जेट पुराने मिग-21 विमानों की जगह लेंगे।

वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास केवल 31 स्क्वाड्रन मौजूद हैं, जबकि अधिकृत संख्या 42 स्क्वाड्रन की है। इसका मतलब यह है कि तेजस के आने से न केवल पुराने विमानों का प्रतिस्थापन होगा बल्कि वायुसेना की ताकत में भी बढ़ोतरी होगी।


निष्कर्ष

मिग-21 का विदाई समारोह भारतीय वायुसेना के लिए एक भावनात्मक और ऐतिहासिक पल है। वहीं, तेजस के नए विमानों के सौदे से भविष्य में वायुसेना को आधुनिक, तेज और मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

भारतीय वायुसेना की यह पहल न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगी बल्कि भारत की एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन क्षमता को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

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