कुरूर रैली में भगदड़ के बाद विवादित सोशल मीडिया पोस्ट
नई दिल्ली/कुरूर: अभिनेता विजय की तमिलागा वेट्ट्री कझागम (टीवीके) के उप महासचिव आधव अरजुना द्वारा किया गया एक सोशल मीडिया पोस्ट, जिसमें उन्होंने युवा पीढ़ी को श्रीलंका और नेपाल के युवा प्रदर्शनकारियों का उदाहरण देने का प्रयास किया, कुरूर रैली में हुई भगदड़ के बाद व्यापक विरोध का कारण बन गया है। इस हादसे में 41 लोगों की जान चली गई थी।
पोस्ट में युवाओं से ‘युवाओं की क्रांति’ का आह्वान
अरजुना ने अपने अब हटाए गए पोस्ट में तमिलनाडु के युवाओं से अपील की थी कि वे एक “युवाओं की क्रांति” के लिए उठ खड़े हों। उन्होंने राज्य की सरकार को “दुष्ट” बताते हुए चेतावनी दी थी कि स्थानीय अधिकारियों ने उन लोगों के प्रति अपनी निष्ठा खो दी है, जो सत्ता में हैं। पोस्ट में लिखा गया था, “यदि पुलिस केवल सत्ताधारियों की सेवक बन गई है, तो व्यवस्था बहाल करने का एकमात्र तरीका युवाओं की क्रांति है।” उन्होंने यह भी कहा कि “श्रीलंका और नेपाल में युवा एकजुट होकर अधिकारियों के खिलाफ खड़े हुए, इसी तरह यहां भी युवा उठेंगे।” यह स्थिति राज्य आतंक के अंत और शासन परिवर्तन की नींव रखेगी।
समय की असंवेदनशीलता पर उठे सवाल
अरजुना के इस पोस्ट का समय, जो कि कुरूर में विजय की रैली में हुई दुखद भगदड़ के 48 घंटे के भीतर आया, तीखी आलोचना का कारण बना। राजनीतिक नेताओं और नागरिकों ने अरजुना की निंदा की, यह आरोप लगाते हुए कि वह एक दुखद घटना के बीच अशांति को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं।
DMK ने किया कड़ा विरोध
डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रवक्ता सरवनन अन्नादुराई ने इस पोस्ट को “अगंभीर” करार दिया और अरजुना पर राजनीतिक लाभ के लिए एक त्रासदी का फायदा उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “एक भ्रष्ट व्यक्ति जो प्रवर्तन निदेशालय के शिकंजे में फंसा हुआ है, जो भीड़ को दिखा कर राजनीतिक सौदे करने की कोशिश कर रहा है और जिसने भारी नुकसान और त्रासदी का कारण बना, वह क्रांति का आह्वान कर रहा है। क्या वह यह सपना देख रहा है कि पैसे देकर और 100 प्रभावशाली व्यक्तियों का इस्तेमाल करके क्रांति की जा सकती है?”
टीवीके ने अपने को किया अलग
हालांकि, टीवीके ने अरजुना के पोस्ट से खुद को अलग करते हुए स्पष्ट किया कि वे हिंसा को बढ़ावा नहीं देते हैं। एक स्रोत ने समाचार एजेंसियों से कहा, “पार्टी और विजय कभी भी लोगों को उकसाने या हिंसा की प्रेरणा नहीं देंगे। यह पोस्ट तुरंत हटा दी गई थी और इसका अरजुना द्वारा कथित क्रांति से कोई लेना-देना नहीं है।”
अरजुना की कानूनी कार्रवाई
अरजुना ने मद्रास उच्च न्यायालय में राज्य सरकार से यह निर्देश देने की मांग की है कि विजय कुरूर के पीड़ितों के परिवारों से मिलें। उन्होंने यह भी मांग की है कि भगदड़ की जांच सीबीआई को सौंपी जाए ताकि “सच्ची जांच” हो सके।
DMK और TVK के बीच तनाव जारी
इस बीच, DMK और TVK के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, दोनों पक्षों ने भगदड़ के कारणों और भीड़ प्रबंधन पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया है।
राजनीतिक संवाद में तनाव
अरजुना के पोस्ट के स्क्रीनशॉट, जो अभी भी ऑनलाइन प्रसारित हो रहे हैं, ने तमिलनाडु में राजनीतिक संवाद को तनावपूर्ण बनाए रखा है। पार्टियों और नागरिकों ने इस त्रासदी के बाद शांत और जिम्मेदार संवाद का आह्वान किया है।
इस घटना ने राज्य की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है और अब सभी की नजरें उन प्रतिक्रियाओं पर हैं जो इस दुखद घटना के बाद सामने आएंगी।