गांगनौली में ट्रिपल मर्डर: मुफ्ती इब्राहिम ने छोड़ा गांव
बागपत जिले के गांगनौली गांव में हुए ट्रिपल मर्डर के मामले में नए तथ्य सामने आए हैं। इस घ horrific घटना के बाद मुफ्ती इब्राहिम, जिन्होंने अपनी पत्नी और दो बेटियों की हत्या की है, ने मंगलवार को अपने गांव और मस्जिद को छोड़ दिया। जानकारी के अनुसार, मुफ्ती इब्राहिम ने रविवार को अपने कमरे से कुछ सामान और रुपये लेकर चले गए थे, लेकिन सोमवार को वह अपना सारा सामान एक कैंटर में भरकर वहां से भाग गए। स्थानीय ग्रामीणों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन मुफ्ती ने किसी की बात नहीं सुनी और अपने पैतृक गांव सुन्ना, जिला शामली की ओर निकल गए। इस कारण मस्जिद का गेट बंद कर ताला लगा दिया गया।
मुफ्ती की स्थिति और उनकी भावनाएं
सोमवार को, मुफ्ती इब्राहिम अपने रिश्तेदारों के साथ गांगनौली गांव की मस्जिद में पहुंचे और उन्होंने अपने कमरे में रखा सामान बांधना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया और यहीं रहने की सलाह दी। मुफ्ती इब्राहिम ने कहा, “यहां मेरी पत्नी और दोनों बेटियों की हत्या हुई है, जिससे मेरी पूरी दुनिया उजड़ गई है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि अब मैं कहां जाऊं और क्या करूं। अब मैं वापस गांव सुन्ना जा रहा हूं।” उनके इस बयान ने सभी को गहरी संवेदना में डाल दिया।
मस्जिद की देखरेख के लिए कमेटी का गठन
मुफ्ती इब्राहिम के गांगनौली से जाने के बाद मस्जिद की देखरेख की जिम्मेदारी एक कमेटी को सौंपी गई है। कमेटी के पदाधिकारियों में वकील, शहीदू, महरदीन, शाकिर, अलीहसन, फैय्याज और कय्यूम शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मुफ्ती ने मस्जिद की जिम्मेदारी कमेटी को वापस दे दी है। नए मुफ्ती के आने तक, मस्जिद की देखरेख की जिम्मेदारी कमेटी की रहेगी। नमाज के दौरान ताला खोलकर साफ-सफाई के लिए समाज के एक व्यक्ति को जिम्मेदारी दी जाएगी।
पुलिस पर हमले का मामला: 89 लोगों के खिलाफ कार्रवाई
गांगनौली गांव में मुफ्ती इब्राहिम की पत्नी इसराना और उनकी दोनों बेटियों सोफिया और सुमाइया की हत्या के बाद हुए बवाल में पुलिस पर हमला करने के मामले में कार्रवाई की गई है। इस विवाद में एसआई प्रांशु राजपूत की तहरीर पर 29 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें सपा के छपरौली विधानसभा अध्यक्ष सुरेंद्र उर्फ सुंदर भी शामिल हैं। आरोप है कि इन लोगों ने पुलिस की वर्दी फाड़ने, गाड़ी में तोड़फोड़ करने और पथराव करने का कार्य किया।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया और घटनाक्रम
गांगनौली में शनिवार को हुए तिहरे हत्याकांड के बाद, जब पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने का प्रयास कर रही थी, तब वहां के स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए। लोगों ने दो घंटे तक शवों को नहीं उठाने दिया और वहां बवाल किया। इस घटना ने गांव में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर दी है।
इस घटना की गहराई में जाकर देखा जाए, तो यह न केवल एक हत्या का मामला है, बल्कि यह सामाजिक और सामुदायिक ताने-बाने को भी प्रभावित करने वाला है। स्थानीय लोगों के लिए यह घटना न केवल मानसिक आघात का कारण बनी है, बल्कि इससे उनके बीच की सुरक्षा और आपसी विश्वास को भी चुनौती मिल रही है।
निष्कर्ष
गांगनौली का यह ट्रिपल मर्डर केस न केवल इस परिवार के लिए एक त्रासदी है, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक चेतावनी भी है। इस घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर किया है कि समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हमें क्या कदम उठाने चाहिए। स्थानीय प्रशासन और पुलिस को भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, दोषियों को सजा दिलाने के साथ-साथ समुदाय के बीच एकता और शांति स्थापित करने की दिशा में काम करना होगा।