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Mahakal Bhasma Aarti: महाकाल मंदिर में भक्तों की संख्या में संभवतः होगी पाबंदी

महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन: उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्म आरती में अब सीमित संख्या में … Mahakal Bhasma Aarti: महाकाल मंदिर में भक्तों की संख्या में संभवतः होगी पाबंदीRead more

महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन: उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्म आरती में अब सीमित संख्या में भक्तों को ही अनुमति दी जाएगी। इसके लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा, जो भक्तों की संख्या तय करेगी। वर्तमान में, भस्म आरती में प्रतिदिन लगभग 1800 भक्तों को जाने की अनुमति है।

उज्जैन (नई दुनिया प्रतिनिधि): ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्म आरती में कितने भक्तों को अनुमति दी जाएगी, इसका निर्णय समिति लेगी। इस संबंध में उच्च स्तरीय समिति का गठन जल्द ही किया जाएगा। यह निर्णय प्रशासन समिति की बैठक में लिया गया है।

महाकाल मंदिर में सुबह चार बजे भगवान महाकाल की भस्म आरती होती है। मंदिर में स्थान की कमी के कारण, मंदिर समिति प्रतिदिन 1800 भक्तों को ही अनुमति देती है। ये भक्त नंदी, गणेश और कार्तिकेय मंडप में बैठकर भस्म आरती में भाग लेते हैं।

यह देखा गया है कि जो भक्त गर्भगृह के दरवाजे के पास बैठते हैं, उन्हें दर्शन मिलते हैं, लेकिन जो लोग चारों ओर बैठते हैं, उन्हें देखने में कठिनाई होती है। सीमित संख्या में भक्तों के होने पर, भक्त ऐसे स्थान पर बैठ सकेंगे जिससे उन्हें भस्म आरती आसानी से देखने को मिलेगी।

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प्रशासन समिति ने भस्म आरती देखने के लिए अधिक भक्तों को चलने की व्यवस्था के माध्यम से अनुमति देने का निर्णय लिया है। श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू हो रहा है, ऐसे में चलने की व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। यह प्रणाली पूरी तरह से मुफ्त है और इसके लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं लेनी होगी। भक्त सुबह चार बजे से भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उपलब्ध हैं।

भक्त ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से अनुमति प्राप्त कर सकते हैं। मंदिर की वेबसाइट पर ऑनलाइन दर्शन के लिए प्रति व्यक्ति 200 रुपये का शुल्क है। प्रतिदिन 400 भक्तों को ऑनलाइन अनुमति दी जाती है।

महाकाल महालोक में बुकिंग काउंटर के माध्यम से 300 भक्तों को प्रतिदिन ऑफलाइन अनुमति मिलती है, और यह अनुमति मुफ्त है।

संसद सदस्यों, मंत्रियों, विधायकों और विभिन्न विभागों के प्रमुखों की सिफारिश पर प्रतिदिन लगभग 600 लोगों को अनुमति दी जाती है, इसके लिए भी 200 रुपये का शुल्क देना होता है।

मंदिर समिति प्रतिदिन पुजारियों और उनके प्रतिनिधियों के लिए लगभग 500 अनुमतियाँ जारी करती है, जिसके लिए पुजारियों को प्रति व्यक्ति 200 रुपये का शुल्क देना होता है।

प्रशासन समिति के निर्णय के अनुसार, भस्म आरती में भक्तों की संख्या निर्धारित की जाएगी। इस प्रणाली के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। – मूलचंद जूवाल, सहायक प्रशासक एवं भस्म आरती प्रणाली के प्रभारी।