मध्य प्रदेश में, उचित मूल्य की दुकानों को सार्वजनिक पोषण केंद्रों में बदलने की योजना बनाई गई है। इस पहल की शुरुआत इंदौर में 30 सार्वजनिक पोषण केंद्रों के उद्घाटन से हुई है। अब उज्जैन और सागर में भी 15-15 दुकानों को पोषण केंद्र में परिवर्तित किया जाएगा। इससे दुकान संचालकों को अतिरिक्त आय का स्रोत मिलेगा और लाभार्थियों को भी मदद मिलेगी।
मुख्य बातें:
– उज्जैन और सागर में 15-15 सार्वजनिक पोषण केंद्र खोले जाएंगे, जहां मोटे अनाज के उत्पाद मिलेंगे।
– दुकान संचालकों को अतिरिक्त आय का माध्यम मिलेगा, जबकि लाभार्थियों को सुविधाएं प्राप्त होंगी।
– पहले चरण में इंदौर के 30 दुकानों का चयन किया गया है।
मध्य प्रदेश की सरकार ने उचित मूल्य की दुकानों को सार्वजनिक पोषण केंद्रों के रूप में संचालित करने का मॉडल लागू किया है। पहले चरण में इंदौर की 30 दुकानों का चयन किया गया है। खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि इस योजना का विस्तार राज्य में किया जाएगा।
अगले चरण में उज्जैन और सागर में 15-15 दुकानों को सार्वजनिक पोषण केंद्र में बदला जाएगा। यहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरण किए जाने वाले सामान के अलावा, स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार अन्य सभी वस्तुओं को रखने की अनुमति दी जाएगी। इससे न केवल निवासियों को सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि दुकान संचालक समिति का आर्थिक सशक्तिकरण भी होगा।
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मध्य प्रदेश में अधिकांश उचित मूल्य की दुकानों का संचालन प्रमुख कृषि ऋण सहकारी समितियों द्वारा किया जाता है। इन्हें बहुपरकारी बनाने और आय बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। हालांकि, कुछ नवाचार किए गए, लेकिन वे ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हुए हैं।