मध्य प्रदेश में मई की गर्मी से राहत मिल रही है। बादलों और रुक-रुक कर बारिश के कारण गर्मी का प्रभाव कम हुआ है। हालांकि, असामान्य बारिश ने प्याज की फसल को नुकसान पहुँचाया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, फिलहाल हीट स्ट्रोक का कोई खतरा नहीं है, लेकिन जून में तापमान बढ़ सकता है।
मुख्य बातें
- गर्मी से राहत, बादल और बारिश
- खजुराहो का अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री
- प्याज की फसल को 40% तक नुकसान
नवदुनिया संवाददाता, भोपाल। आमतौर पर मई का महीना मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा गर्म होता है, लेकिन इस वर्ष मौसम ने लोगों को गर्मी से काफी राहत दी है। राज्य के कई हिस्सों में बादल छाए हुए हैं और रुक-रुक कर हल्की बारिश हो रही है। इन मौसमी बदलावों के कारण अधिकतम तापमान में कमी आई है और गर्मी का असर महसूस नहीं हुआ है।
बारिश से राहत
- पिछले 24 घंटों में भोपाल, उज्जैन, नर्मदापुरम सहित कई जिलों में बारिश रिकॉर्ड की गई। बुधवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक भोपाल में 0.8 मिमी, उज्जैन में 0.4 मिमी और नर्मदापुरम में 0.2 मिमी बारिश हुई। राज्य में सबसे अधिक तापमान खजुराहो में 43.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
- मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक पीके रायकर के अनुसार, वर्तमान में राज्य में हीट स्ट्रोक का कोई खतरा नहीं है। अगले तीन से चार दिनों तक मौसम अपेक्षाकृत ठंडा रहने की संभावना है।
कई मौसम प्रणालियाँ सक्रिय
- मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जिसे ड्रोनिका कहा जाता है। इसके अलावा, गुजरात के ऊपर वायुमंडल में एक चक्रवात भी है।
- एक अन्य ड्रोनिका पूर्वी उत्तर प्रदेश से छत्तीसगढ़ तक फैली हुई है। इन प्रणालियों के कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आ रही है, जिससे राज्य में बादल छाए हुए हैं और बारिश हो रही है।
असामान्य बारिश ने प्याज की फसल को नुकसान पहुँचाया
- हालांकि गर्मी से राहत मिलना आम लोगों के लिए अच्छी खबर है, लेकिन यह असामान्य बारिश किसानों के लिए चिंता का कारण बन गई है। धार, रतलाम, शाजापुर, खंडवा, झाबुआ, खरगोन और देवास जिलों में प्याज की फसल को 10 से 40 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है।
- बदनवार के किसान महेश वास्केल ने बताया कि खेतों में कटाई की गई फसल को अधिक नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि तात्कालिक सर्वेक्षण कराकर मुआवजा दिया जाए।
मई में अब तक का तापमान
पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो मई में तापमान आमतौर पर 45 डिग्री से ऊपर पहुँच जाता है, लेकिन इस वर्ष गर्मी का कोई प्रभाव नहीं देखा गया है। उदाहरण के लिए, इस वर्ष ग्वालियर में 28 मई को तापमान 47.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था, लेकिन बारिश नहीं हुई। वहीं, भोपाल में अब तक की अधिकतम बारिश 0.8 मिमी हुई है।
आगे क्या?
मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक नमी बनी रहती है, तब तक गर्मी का कोई खतरा नहीं है। हालांकि, जून की शुरुआत में तापमान फिर से बढ़ सकता है।
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