Schools: छत्तीसगढ़ में 10,463 स्कूलों का अस्तित्व मिटाने की गाइडलाइन जारी



छत्तीसगढ़ में 10,463 स्कूलों का अस्तित्व समाप्त, अंतिम चरण में यू-डाइस नंबर का निरस्तीकरण छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में 366 सहित प्रदेश के कुल 10,463 स्कूलों का अस्तित्व अब शिक्षा…

Schools: छत्तीसगढ़ में 10,463 स्कूलों का अस्तित्व मिटाने की गाइडलाइन जारी

छत्तीसगढ़ में 10,463 स्कूलों का अस्तित्व समाप्त, अंतिम चरण में यू-डाइस नंबर का निरस्तीकरण

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में 366 सहित प्रदेश के कुल 10,463 स्कूलों का अस्तित्व अब शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड से मिटने जा रहा है। इनमें से 10297 स्कूल एक ही परिसर में संचालित हो रहे हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 1 किलोमीटर की परिधि में 133 और शहरी क्षेत्र में 500 मीटर के दायरे में 33 स्कूल शामिल हैं। यह निर्णय शिक्षा विभाग की ओर से लिए गए एक महत्वपूर्ण कदम का हिस्सा है।

स्कूलों को बंद करने की इस प्रक्रिया के अंतिम चरण में, लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने इन स्कूलों के यूडाइस (यूनिफाइड डि​​स्ट्रक्ट इंफार्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) नंबर को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को गाइडलाइन जारी की गई है। इस प्रक्रिया को देखते हुए शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस चरण में पुरानी शाला प्रबंधन समितियों को भंग कर नई समितियों का गठन किया जाएगा।

स्कूलों की पहचान समाप्त करने के लिए उठाए जाने वाले कदम

  • यू-डाइस कोड: यह हर स्कूल की डिजिटल पहचान है। समायोजित स्कूल का कोड निष्क्रिय कर दिया जाएगा और मर्ज किए गए स्कूल का कोड ही मान्य होगा।
  • शाला प्रबंधन समिति (एसएमसी): समायोजन के साथ पुरानी समितियां भंग कर नई समिति गठित होगी। यदि हाई स्कूल से हायर सेकेंडरी में समायोजन होता है तो नई विकास समिति बनेगी।
  • स्कूल भवन: एक ही परिसर में होने पर भवनों का उपयोग शिक्षण, पुस्तकालय, स्टाफ रूम आदि के लिए होगा। अलग परिसर होने पर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर वाले भवन में कक्षाएं संचालित होंगी।
  • बैंक खाते: पुराने स्कूलों के जीरो बैलेंस खातों को बंद कर राशि नए स्कूल में ट्रांसफर की जाएगी।
  • मध्याह्न भोजन: प्रधानमंत्री पोषण योजना जारी रहेगी और समायोजित स्कूलों के रसोइयों को नई शाला में मैप किया जाएगा।
  • पुस्तकालय और शिक्षा सामग्री: पुस्तकें, गणित/विज्ञान किट, खेल सामग्री व क्लबों की नई व्यवस्था नई शाला में की जाएगी।
  • छात्रवृत्ति: समायोजित स्कूलों की सूची पोर्टल पर अपलोड कर, नई एंट्री जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की जाएगी।
  • बिजली मीटर: एक परिसर में एक ही मीटर चालू रहेगा। अन्य बंद होंगे।
  • अनुदान: स्कूल की नई दर्ज संख्या और स्तर के अनुसार अनुदान जारी होंगे।
  • बच्चों का रिकॉर्ड: सभी विद्यार्थियों का डाटा नई शाला में ट्रांसफर होगा।

स्कूलों की संख्या में भिन्नता: कांकेर में सबसे ज्यादा

बंद होने वाले स्कूलों की सूची में सबसे ज्यादा 596 स्कूल कांकेर जिले में शामिल हैं। इसके बाद रायगढ़ में 557 और कोरबा में 467 स्कूल हैं। सबसे कम बीजापुर जिले में 68 स्कूल के यू-डाइस नंबर निरस्त किए जाएंगे। इसके अलावा रायपुर में 389, बिलासपुर में 431 और दुर्ग में 352 स्कूल के यू-डाइस निरस्त होंगे। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि शिक्षा विभाग के इस कदम का व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

विशेषज्ञ की राय: स्कूल बंद करने की प्रक्रिया का महत्व

डॉ. जयंत सोनवलकर, भोज मुक्त विश्वविद्यालय, भोपाल के पूर्व कुलपति ने बताया कि “स्कूल बंद करने का अंतिम चरण यू-डाइस नंबर निरस्त करना है।” उन्होंने कहा कि किसी भी स्कूल को बंद करने के लिए शिक्षा विभाग नोटिफिकेशन जारी करता है। पहले छात्रों और शिक्षकों का समायोजन किया गया है, और अब यू-डाइस नंबर निरस्त करने की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के बाद, उन स्कूलों के छात्रों को नए स्कूल के यू-डाइस नंबर से ही पहचाना जाएगा।

यह परिवर्तन शिक्षा प्रणाली की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। हालांकि, यह निर्णय छात्रों और शिक्षकों पर प्रभाव डाल सकता है, जिनका भविष्य इन स्कूलों से जुड़ा हुआ है। शिक्षा विभाग का यह कदम एक नई दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में सुधार करना है।

छत्तीसगढ़ में शिक्षा के इस नए युग में, सभी stakeholders की जिम्मेदारी है कि वे इस प्रक्रिया को समझें तथा इसके सकारात्मक परिणामों के लिए सहकार्य करें।

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