मुंगेली जिले में चक्काजाम मामले में 7 गिरफ्तार
मुंगेली जिले के नेशनल हाईवे 130-ए पर चक्काजाम करने वाले 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह घटना 11 सितंबर 2025 को हुई थी, जब आरोपियों ने जवाहर नवोदय विद्यालय, दाबो चौक के सामने मृतक के शव को सड़क पर रखकर लगभग दो घंटे तक यातायात को बाधित किया।
घटनाक्रम का विवरण
यह चक्काजाम हेमप्रसाद साहू नामक व्यक्ति की मौत के बाद हुआ, जो फास्टरपुर-सेतगंगा थाना क्षेत्र के शुक्लाभाठा का निवासी था। पुलिस ने पंचनामा और पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया। परिजनों ने शव को मुक्तांजलि वाहन से अपने गांव ले जाने का प्रयास किया, लेकिन अचानक उन्होंने शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया। इस प्रदर्शन में लगभग 200 लोग शामिल थे, जिससे नेशनल हाईवे पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया।
पुलिस की कार्रवाई
चक्काजाम की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। 14 नामजद और लगभग 150 अन्य लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। फास्टरपुर-सेतगंगा थाने में प्रार्थी की रिपोर्ट पर 21 सितंबर 2025 को मामला दर्ज किया गया। इस मामले में धारा 191(2), 126(2) बीएनएस के तहत कार्रवाई की गई।
गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी
पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देश पर और अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मयंक तिवारी के मार्गदर्शन में, पुलिस ने 14 अक्टूबर 2025 को सात आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शामिल हैं:
- दिलीप साहू (26)
- भरत साहू (25)
- शिवप्रसाद साहू (55)
- हेमंत साहू (25)
- बिहारी साहू (48)
- हुन्नर साहू (33)
- डोमेश साहू (19)
ये सभी आरोपी शुक्लाभाठा के निवासी हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों को विधिवत गिरफ्तार कर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई क्रमांक 20/25, धारा 170, 126, 135(3) बीएनएसएस के तहत कार्यपालिक दण्डाधिकारी न्यायालय, मुंगेली में पेश किया गया।
पुलिस का असामाजिक तत्वों के खिलाफ अभियान
पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि वे असामाजिक तत्वों और अवैध गतिविधियों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखेंगे। इस प्रकार की घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था को प्रभावित करती हैं, बल्कि आम जनता के लिए भी समस्याएं उत्पन्न करती हैं। पुलिस प्रशासन का उद्देश्य ऐसे तत्वों को नियंत्रित करना और समाज में शांति बनाए रखना है।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
इस घटना ने यह भी दर्शाया है कि समाज में ऐसे मुद्दों पर बातचीत और समझौता आवश्यक है। चक्काजाम जैसी स्थिति को टालने के लिए परिजनों और समुदाय के लोगों को सही तरीके से अपनी आवाज उठानी चाहिए। सरकार और प्रशासन को भी चाहिए कि वे लोगों की समस्याओं को समझें और उचित समाधान प्रदान करें, ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि समाज के सभी वर्गों के लिए संवाद और सहयोग के माध्यम से समस्याओं का समाधान करना आवश्यक है। पुलिस प्रशासन ने इस मामले में तत्परता दिखाई है, जिससे यह संदेश जाता है कि कानून को अपने हाथ में लेना स्वीकार्य नहीं है।