जगदलपुर नगर निगम क्षेत्र में अतिक्रमण विवाद ने मचाई हलचल
जगदलपुर नगर निगम क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने को लेकर एक बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया है। इस विवाद में करीब 20 से 25 लोग निगम कार्यालय पहुंचे और निगम के मेयर के साथ गाली-गलौज की। इस घटना ने नगर निगम कर्मियों और स्थानीय व्यवसायियों के बीच तनाव पैदा कर दिया है। दूसरी तरफ, अतिक्रमण करने वाले पक्ष का कहना है कि निगम के कर्मचारियों ने उनके साथ बदसलूकी की है। इस विवाद के बाद, नगर निगम के सहायक राजस्व अधिकारी राकेश यादव ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
अतिक्रमण का मामला और धार्मिक स्थल की महत्ता
राकेश यादव ने अपनी शिकायत में बताया कि गंगामुंडा तालाब के पास रोहित नाग ने अवैध तरीके से अतिक्रमण कर चिकन-मटन की दुकान खोल रखी थी। नगर निगम द्वारा उसे दुकान हटाने और संजय बाजार में शिफ्ट करने के लिए कहा गया, लेकिन रोहित ने इस निर्देश का पालन नहीं किया। यह घटना तब हुई जब छठ पूजा का त्योहार नजदीक है, जो कि एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है।
गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी
राकेश यादव ने आगे कहा कि तालाब घाट एक धार्मिक स्थल है, और निगम को वहां से अतिक्रमण हटाने के निर्देश मिले थे। जब वे मौके पर पहुंचे तो रोहित नाग ने बात सुनने से इनकार कर दिया और धारदार बंडा उनकी ओर लहराते हुए जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने महापौर संजय पांडेय और निगम आयुक्त के खिलाफ भी अभद्र टिप्पणियां कीं।
कांग्रेस नेताओं का विवाद में शामिल होना
इस विवाद में केवल निगम के कर्मचारी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के पूर्व पार्षद विक्रम डांगी भी शामिल हुए। उनके समर्थकों के साथ निगम कार्यालय में पहुंचे लोगों ने जमकर बवाल किया। विक्रम डांगी ने राकेश यादव को धमकी देते हुए कहा, “तू बहुत उछल कूद कर रहा है। हमारी सरकार आने दे, तेरी सारी मस्ती निकाल दूंगा।” राकेश यादव ने इस धमकी की भी पुलिस में लिखित शिकायत की है।
दूसरे पक्ष का दावा
वहीं, चिकन दुकान के संचालक रोहित नाग और कुछ अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता भी पुलिस थाने पहुंचे। रोहित ने अपने शिकायत पत्र में कहा कि निगम के कर्मचारियों ने उनके साथ बदसलूकी की है और जबर्दस्ती दुकान हटाने का प्रयास किया। उन्होंने भी निगम के कर्मचारियों के खिलाफ गाली-गलौज करने का आरोप लगाया है।
पुलिस का बयान और आगे की कार्रवाई
इस पूरे मामले पर पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि दोनों पक्षों ने थाना पहुंचकर लिखित में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि वे स्थिति को गंभीरता से ले रहे हैं और इस विवाद का जल्द समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
निष्कर्ष
जगदलपुर नगर निगम क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के विवाद ने स्थानीय राजनीति और प्रशासनिक कामकाज को एक बार फिर से सवालों के घेरे में ला दिया है। इस मामले में दोनों पक्षों की शिकायतें पुलिस के पास हैं और उनकी जांच की जा रही है। यह देखना होगा कि इस विवाद का समाधान कैसे निकाला जाता है और क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता है।