Fishing Union: छत्तीसगढ़ में मछुआरा संघ आज करेगा एसडीएम दफ्तर का घेराव



कोरबा में मछुआरा संघ का आंदोलन: एसडीएम कार्यालय का घेराव कोरबा, 3 घंटे पहले – आदिवासी मछुआरा संघ ने बांगो बांध में प्रभावित मछुआरों को मछली पकड़ने का अधिकार देने…

Fishing Union: छत्तीसगढ़ में मछुआरा संघ आज करेगा एसडीएम दफ्तर का घेराव

कोरबा में मछुआरा संघ का आंदोलन: एसडीएम कार्यालय का घेराव

कोरबा, 3 घंटे पहले – आदिवासी मछुआरा संघ ने बांगो बांध में प्रभावित मछुआरों को मछली पकड़ने का अधिकार देने की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। संघ ने घोषणा की है कि वे 6 अक्टूबर को एसडीएम कार्यालय पोड़ी उपरोड़ा का घेराव करेंगे। यह कदम तब उठाया जा रहा है जब मछुआरा समुदाय लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा है।

संघ के नेताओं का कहना है कि बांगो बांध में मछली पकड़ने के लिए जारी किए गए टेंडर को रद्द करने की भी मांग की गई है। उनका मानना है कि इस टेंडर के कारण स्थानीय मछुआरों की आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है। मछुआरा संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रशासन ने उनकी मांगों की अनदेखी की है, जिससे उनकी स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है।

बांगो बांध का महत्व और मछुआरों की समस्याएँ

बांगो बांध क्षेत्र में मछली पकड़ने का कार्य स्थानीय आदिवासी समुदाय के लिए न केवल जीविका का साधन है, बल्कि यह उनकी सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। वर्षों से यह समुदाय इस क्षेत्र में मछली पकड़ने के पारंपरिक तरीकों का पालन कर रहा है। हालाँकि, बांध के निर्माण और उसके बाद के विकास परियोजनाओं के चलते उनकी स्थिति में काफी बदलाव आया है।

मछुआरा संघ के अध्यक्ष ने कहा, “हमारी मांगें न्यायसंगत हैं। हमें मछली पकड़ने का अधिकार मिलना चाहिए, क्योंकि यह हमारी जीविका का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।” उन्होंने आगे कहा कि अगर प्रशासन उनकी मांगों को नहीं मानता है, तो वे आगे भी संघर्ष जारी रखेंगे।

आंदोलन की तैयारी और समाज का समर्थन

संघ ने अपने आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। संघ के सदस्यों ने विभिन्न गांवों में बैठकें आयोजित की हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस आंदोलन में शामिल किया जा सके। इसके अलावा, स्थानीय आदिवासी समुदाय भी इस आंदोलन का समर्थन कर रहा है और उनके समर्थन का प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं।

  • संघ के नेता स्थानीय मछुआरों के साथ मिलकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।
  • आंदोलन के दिन स्थानीय समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल होने की योजना बना रहे हैं।
  • संघ ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे और भी बड़े कदम उठा सकते हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति

हालांकि, इस आंदोलन के बारे में प्रशासन की प्रतिक्रिया अभी तक स्पष्ट नहीं है। एसडीएम कार्यालय ने कहा है कि वे स्थिति को देख रहे हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। प्रशासन का कहना है कि वे मछुआरों की समस्याओं को गंभीरता से ले रहे हैं और समाधान के लिए प्रयासरत हैं।

मछुआरा संघ ने प्रशासन से अपील की है कि वे उनके साथ संवाद करें और उनकी मांगों को समझें। संघ का मानना है कि संवाद के माध्यम से ही समस्या का समाधान निकल सकता है।

निष्कर्ष

कोरबा में आदिवासी मछुआरा संघ का आंदोलन स्थानीय समुदाय के अधिकारों और उनकी आजीविका की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। बांगो बांध में मछली पकड़ने के अधिकार की मांग को लेकर होने वाला यह घेराव न केवल स्थानीय मछुआरों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस आंदोलन के प्रति क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या वे मछुआरों की मांगों को मानने के लिए तैयार होते हैं।

इस आंदोलन ने स्थानीय समुदाय के बीच एकजुटता का संकेत दिया है और यह दर्शाता है कि जब अधिकारों की बात आती है, तो लोग एकजुट होकर संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। कोरबा के मछुआरों की आवाज़ को सुनना और उनकी मांगों का समाधान करना महत्वपूर्ण है ताकि उनकी जीवनशैली और संस्कृति को सुरक्षित रखा जा सके।

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