छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार: दो युवक गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में पुलिस ने प्रतिबंधित टैबलेट और सीरप बेचने के आरोप में दो युवकों को गिरफ्तार किया है। यह युवक लंबे समय से फरार चल रहे थे और अब उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस नशे के कारोबार पर सख्त नजर रख रही है और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तत्पर है।
पुलिस की कार्रवाई का विवरण
पुलिस ने 29 जून 2025 को कोतवाली थाना क्षेत्र में नया बस स्टैंड कांकेर बाजार शेड में एक सूचना के आधार पर दबिश दी थी। इस दौरान बाजार शेड के सामने मोहम्मद नफीस नामक युवक को संदिग्ध अवस्था में खड़ा पाया गया, जो पुलिस की नजरों से बचने का प्रयास कर रहा था।
पुलिस ने नफीस के पास से एक पीला रंग का थैला बरामद किया, जिसमें 28 प्रतिबंधित टैबलेट और 8 प्लास्टिक सीसी सिरप शामिल थे। पूछताछ के दौरान नफीस ने बताया कि उसने ये नशीली दवाएं झारखंड के रांची निवासी शाहबाज उर्फ आफताब से खरीदी थीं। इस मामले में एनडीपीएस एक्ट की धारा 22 के तहत मामला दर्ज किया गया और नफीस को न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
फरार आरोपी की गिरफ्तारी
इसी मामले में फरार चल रहे आरोपी रोहित मंडल (25) को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रोहित से एक बाइक जब्त की है और उसके बैंक खातों को फ्रीज कराने की कार्रवाई की गई है। जांच में यह भी सामने आया कि रोहित की मेडिकल दुकान किसी अन्य व्यक्ति के लाइसेंस पर चल रही थी, जिसके लिए लाइसेंस धारक के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
पूछताछ के दौरान रोहित ने खुलासा किया कि वह नशीली दवाएं ओडिशा और धमतरी जिले की मेडिकल दुकानों से लाता था। यह खुलासा कानूनी जांच के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ है।
नया बस स्टैंड से तीन और युवक गिरफ्तार
पुलिस को 30 सितंबर 2025 को एक और सूचना मिली जिसमें बताया गया कि दिनेश कोर्राम, राजकुमार सरकार और एक अन्य युवक बस स्टैंड बाजार डोम में टैबलेट और सिरप बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहे हैं। इस सूचना पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें घेराबंदी कर पकड़ा।
इस दौरान दिनेश कोर्राम के जींस की जेब से 60 प्रतिबंधित टैबलेट, 2 शीशी सिरप और एक पुरानी स्कूटी की डिग्गी से 42 नग प्रतिबंधित टैबलेट तथा 2 शीशी सिरप बरामद किए गए। इसी तरह राजकुमार सरकार के पास से भी प्रतिबंधित टैबलेट और सिरप बरामद हुए।
पूछताछ में रैकेट का खुलासा
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने यह प्रतिबंधित दवाएं ओडिशा के ग्राम पोड़ी स्थित राजू मेडिकल स्टोर से खरीदी थीं। इस पूरे रैकेट में कांकेर के अल्ताफ उर्फ मोहम्मद आफताब, वरुण नेताम और निमेश मेहरा की संलिप्तता भी सामने आई है। पुलिस ने अल्ताफ और रोहित को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है, जहां उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
पुलिस की सख्त कार्रवाई
यह घटनाक्रम दिखाता है कि छत्तीसगढ़ पुलिस नशीली दवाओं के कारोबार को समाप्त करने के लिए गंभीर है। पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की है और जो भी लोग इस गैरकानूनी गतिविधि में शामिल हैं, उन्हें पकड़ने के लिए प्रयासरत है। नशीली दवाओं का कारोबार समाज के लिए खतरा है और इससे युवा पीढ़ी प्रभावित हो रही है। पुलिस का उद्देश्य ऐसे लोगों को पकड़कर उन्हें कानून के दायरे में लाना है।
इस प्रकार की घटनाएं समाज में नशे के बढ़ते चलन को दर्शाती हैं, और यह आवश्यक है कि हम सभी मिलकर इसका सामना करें। पुलिस की कार्रवाई से यह संदेश भी जाता है कि नशीली दवाओं के कारोबार में लिप्त लोगों के लिए कोई जगह नहीं है।