नालंदा में शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी
बिहार विधान सभा के आगामी आम चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए, नालंदा जिले में शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों को अंतिम चेतावनी दी गई है। जिला दंडाधिकारी कुंदन कुमार ने सभी शस्त्र लाइसेंसधारियों को 4 अक्टूबर से 11 अक्टूबर के बीच अपने शस्त्रों और कारतूसों का भौतिक सत्यापन कराने के लिए कहा है।
इस कदम का उद्देश्य विधानसभा चुनाव से पहले जिले में कानून-व्यवस्था को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाए रखना है। प्रशासन का मानना है कि हथियार तस्करों द्वारा अवैध तरीके से लाइसेंस प्राप्त कर उन्नत किस्म के हथियारों की खरीदारी की जा रही है, जो संगठित अपराध और आपराधिक वर्चस्व स्थापित करने में उपयोग किए जा रहे हैं। यह स्थिति चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकती है, इसलिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।
सत्यापन की प्रक्रिया और समय सीमा
आयुध नियम 2016 के नियम-30 और 112(2) के तहत, जिन अनुज्ञप्तिधारियों ने अब तक अपने शस्त्रों और कारतूसों का भौतिक सत्यापन नहीं कराया है, उन्हें 4 से 11 अक्टूबर के बीच संबंधित थाने पर उपस्थित होकर सत्यापन कराना होगा। इस दौरान उन्हें आयुध अधिनियम 1959 की धारा-19 और आयुध नियम 2016 के नियम-31 के तहत अपनी अनुज्ञप्ति पुस्तक प्रस्तुत करनी होगी।
पहले चरण में 4 से 7 अक्टूबर तक विभिन्न थानों में सत्यापन किया जाएगा, जिसमें बिहार, लहेरी, अस्थावां, बिंद, सारे, सरमेरा, नूरसराय, रहुई, हरनौत, गिरियक, कतरीसराय, राजगीर, सिलाव, चंडी, थरथरी, नगरनौसा, हिलसा, करायपरशुराय, एकंगरसराय, परवलपुर, इसलामपुर, वेन, गोखुलपुर ओपी और कल्याणबिगहा ओपी शामिल हैं। इसके बाद दूसरे चरण में 8 से 11 अक्टूबर को सोहसराय, दीपनगर, वेना, मानपुर, छबिलापुर, तेल्हाड़ा, खुदागंज, चेरो ओपी, चिकसौरा, नालंदा, औंगारी, भागनबिगहा ओपी, तेलमर और पावापुरी ओपी में सत्यापन शिविर लगाए जाएंगे।
कारतूसों की जांच पर विशेष ध्यान
प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि पिछले दो वर्षों में खरीदे गए कारतूसों का विशेष सत्यापन किया जाएगा। यदि किसी लाइसेंसधारी के पास प्राप्त कारतूसों की तुलना में कम कारतूस पाए जाते हैं और उनके खर्च होने के संबंध में कोई ठोस साक्ष्य या प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि लाइसेंसधारी अपने हथियारों और कारतूसों का सही उपयोग कर रहे हैं।
UIN और नवीकरण की अनिवार्यता
सत्यापन के दौरान यह भी जांचा जाएगा कि शस्त्र अनुज्ञप्ति का UIN (यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर) मौजूद है और अनुज्ञप्ति अद्यतन नवीकृत है। जिन लाइसेंसों का नवीकरण नहीं हुआ है या UIN नहीं बना है, उन पर धारित हथियारों को तत्काल थाने के मालखाने में जमा कराया जाएगा। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है कि सभी शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों के पास वैध और अद्यतन लाइसेंस हो।
निलंबन और रद्दीकरण की चेतावनी
जिला दंडाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि आयुध नियम 2016 के नियम 30 और 112(2) के तहत सत्यापन में विफल रहने वाले शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों की अनुज्ञप्ति निलंबित या रद्द की जा सकती है। यह पूरी जिम्मेदारी लाइसेंसधारी की होगी कि वह समय पर आवश्यक कार्रवाई करे।
प्रशासनिक तैयारी और कार्यान्वयन
इस सत्यापन अभियान के लिए कार्यपालक दंडाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और थानाध्यक्षों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है। थाना स्तर पर विशेष शिविर लगाकर शत-प्रतिशत सत्यापन सुनिश्चित किया जाएगा। सभी प्रतिनियुक्त अधिकारियों को 12 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट जिला शस्त्र शाखा को प्रस्तुत करनी होगी।
जिला प्रशासन ने इसे अंतिम अवसर बताते हुए सभी शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों से अपील की है कि वे समय पर सत्यापन करा लें, अन्यथा उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। यह कदम नालंदा जिले में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है, खासकर जब चुनावी माहौल में किसी भी प्रकार की हिंसा या अव्यवस्था से बचना सर्वोपरि है।