मधुबनी में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के अवसर पर अनोखी रंगोली का आयोजन
मधुबनी के भौंवारा में गुरुवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के अवसर पर एक अनोखी परंपरा का पालन किया गया। इस अवसर पर लगभग आधा किलोमीटर लंबी रंगोली बनाई गई, जो दुर्गा मंदिर से लेकर कोतवाली चौक तक फैली हुई थी। स्थानीय निवासियों ने इस रंगोली को सजाने में बड़े उत्साह के साथ भाग लिया, जिससे यह आयोजन और भी खास बन गया।
रंगोली बनाने का यह कार्यक्रम न केवल सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि यह समुदाय की एकता और श्रद्धा का प्रतीक भी है। रंगोली में विभिन्न प्रकार के फूल, स्वास्तिक और माता के चरण चिह्न बनाए जाते हैं, जो इसे एक विशाल और आकर्षक रूप देते हैं। मोहल्ले के लोग इस कार्यक्रम में सभी आयु वर्ग के लोगों को शामिल करते हैं, जिससे यह आयोजन हर किसी के लिए विशेष बन जाता है।
परंपरा और श्रद्धा का संगम
मोहल्ला निवासी अजीत कुमार ने बताया कि यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस रंगोली के माध्यम से माता दुर्गा प्रसन्न होकर अपने गंतव्य को जाती हैं और लोगों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस परंपरा के तहत मोहल्ले के लोग एकजुट होकर रंगोली बनाने में लगे रहते हैं, जो न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाता है, बल्कि समाज में एकता का भी प्रतीक है।
इस आयोजन में न केवल बच्चे, बल्कि बड़े और बुजुर्ग भी पूरी श्रद्धा के साथ भाग लेते हैं। बच्चे रात भर रंगोली बनाने में व्यस्त रहते हैं, और पूरा मोहल्ला आधी रात तक जागकर इस कार्य को पूरा करता है। नगर निगम के मेयर अरुण कुमार राय की भी इसमें सहभागिता देखी गई, जो इस आयोजन की महत्ता को दर्शाता है।
रंगोली का महत्व और सामाजिक एकता
रंगोली का यह आयोजन माता दुर्गा के पारंपरिक विदाई समारोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लोगों का मानना है कि सड़क पर बनाई गई यह रंगोली खुशी, धन-धान्य और संपन्नता का प्रतीक है। यह आने-जाने वाले लोगों का मन प्रसन्न करती है और माता भगवती के प्रति आस्था जगाती है।
इस आयोजन के माध्यम से पूरा मोहल्ला सौहार्दपूर्ण वातावरण में माता की विदाई में भाग लेता है। रंगोली केवल एक कला का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह समुदाय के लोगों के बीच भाईचारे और एकता को भी प्रकट करता है। इस प्रकार के आयोजनों से धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है, और यह नई पीढ़ी को अपने इतिहास और संस्कृति से जोड़ने का एक बेहतरीन तरीका है।
समुदाय का सहयोग और उत्साह
इस आयोजन में पूरे मोहल्ले का सहयोग देखने को मिलता है। हर कोई अपनी सामर्थ्यानुसार योगदान देता है, चाहे वह रंगोली की सामग्री हो या फिर रंगोली बनाने का कार्य। इस सामूहिक प्रयास के परिणामस्वरूप, एक अद्भुत रंगोली तैयार होती है, जो न केवल धार्मिक आस्था को व्यक्त करती है, बल्कि सभी के लिए एक यादगार अनुभव भी बन जाती है।
इस प्रकार, मधुबनी के भौंवारा में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के अवसर पर बनाई गई रंगोली न केवल एक कला का प्रदर्शन है, बल्कि यह समाज के लोगों के बीच एकता, भक्ति और परंपराओं के प्रति समर्पण का भी प्रतीक है। स्थानीय लोग इस आयोजन को गर्व के साथ मनाते हैं और इसे अगली पीढ़ी को भी सिखाने का प्रयास करते हैं।