भागलपुर की प्रिया कुमारी की मनोकामना हुई पूरी, सरकारी नौकरी वाले दूल्हे से हुआ विवाह
भागलपुर जिले के बाथ थाना क्षेत्र के पसराहा गांव की निवासी प्रिया कुमारी ने अपनी अटूट आस्था और मेहनत से एक सपना पूरा किया है। प्रिया ने तीन साल तक मां दुर्गा की आराधना की थी, जिसके बाद उन्हें अपने जीवनसाथी के रूप में एक सरकारी नौकरी वाले दूल्हे का साथ मिला। यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसने उनके विश्वास को और भी मजबूत कर दिया।
प्रिया कुमारी के मन में हमेशा से सरकारी नौकरी वाले दूल्हे की इच्छा थी। इस इच्छा को पूरा करने के लिए उन्होंने मां दुर्गा से प्रार्थना की और पूरे तीन वर्षों तक नियमित रूप से देवी की पूजा-अर्चना की। उन्होंने अपनी मेहनत और भक्ति से यह साबित कर दिया कि अगर मन में दृढ़ संकल्प हो, तो किसी भी ख्वाब को साकार किया जा सकता है।
विशेष अनुष्ठान और श्रद्धा का प्रदर्शन
उनकी यह मन्नत अब पूरी हो चुकी है। इच्छा पूरी होने पर, इस नवरात्र में प्रिया ने मां दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए एक विशेष अनुष्ठान किया। उन्होंने मोहद्दीपुर गांव स्थित दुर्गा मंदिर में अपने सीने पर कलश रखकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की। इस धार्मिक अनुष्ठान के दौरान स्थानीय लोग भी उपस्थित रहे, जिन्होंने प्रिया की भक्ति और श्रद्धा को देखा।
तीन साल का इंतजार और अटूट आस्था की जीत
प्रिया की अटूट आस्था का फल उन्हें ठीक तीन साल बाद मिला। मानो मां दुर्गा ने स्वयं उनकी पुकार सुन ली हो। उन्हें ब्रजेश कुमार मंडल नाम का युवक मिला, जो न केवल सरकारी सेवा में थे, बल्कि रेलवे विभाग के ग्रुप डी में बनारस में कार्यरत थे। भागलपुर के पीरपैंती के ब्रजेश से प्रिया का विवाह सम्पन्न हुआ। यह विवाह न केवल प्रिया के लिए, बल्कि उनके परिवार के लिए भी एक खुशी का पल था।
पति की प्राप्ति पर अनोखी आराधना: सीने पर कलश, मां के चरणों में समर्पण
जब मां ने प्रिया की मनोकामना पूरी कर दी, तो उनके मन में मां के प्रति असीम आभार और भक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा। इस आभार को व्यक्त करने के लिए उन्होंने इस नवरात्र एक अनोखा संकल्प लिया। प्रिया ने अपने सीने पर कलश स्थापित कर मां की कठिन आराधना की। यह अनुष्ठान उनके लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसमें उन्होंने अपनी श्रद्धा और भक्ति को अर्पित किया।
प्रिया कुमारी की यह कहानी न केवल उनके लिए, बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा है जो जीवन में विभिन्न कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उनकी मेहनत और मां दुर्गा के प्रति अटूट विश्वास ने उन्हें वह सुख दिया, जो उन्होंने वर्षों से चाहा था। इस प्रकार, यह घटना सभी के लिए एक सबक है कि अगर हमारे मन में विश्वास और दृढ़ता हो, तो हम अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।
इस कहानी से यह भी स्पष्ट होता है कि श्रद्धा और विश्वास के साथ की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। प्रिया कुमारी का यह अनुभव उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो अपने जीवन में कुछ बड़ा पाने की ख्वाहिश रखते हैं।