बिहार में बागमती नदी पुल के पास तेजी से कटाव की समस्या
बिहार के शिवहर जिले के पिपराही क्षेत्र में बागमती नदी पुल के पास कटाव की समस्या ने स्थानीय लोगों को चिंता में डाल दिया है। हाल ही में नदी के जलस्तर में कमी आने के साथ-साथ कटाव की गति में तेजी आई है, जिससे यह खतरा अब पुल के बोल्डर तक पहुँच चुका है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि यदि इस समस्या का समय रहते समाधान नहीं किया गया, तो पुल की संरचना को गंभीर खतरा हो सकता है।
कटाव की गंभीर स्थिति और ग्रामीणों की चिंता
कटाव की यह गंभीर स्थिति पुल के अंतिम छोर तक पहुँच चुकी है, विशेषकर पाया नंबर P1 के पास कटाव की गति भयावह हो गई है। ग्रामीणों में इस बात को लेकर आशंका है कि अगर प्रशासन ने जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया, तो भविष्य में पुल के गिरने जैसी घटनाएँ हो सकती हैं। यह स्थिति न केवल पुल के लिए, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर पिपराही बागमती नदी पुल के नीचे कटाव का निरीक्षण करने के लिए एक विशेषज्ञ टीम भेजी गई थी। आरसीडी के कार्यकारी अभियंता ने अपनी जाँच के बाद पुल को सुरक्षित बताया और कहा कि इसकी संरचना सामान्य है। परंतु, स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुल निगम और संबंधित विभाग इस समस्या के प्रति लापरवाह हैं, क्योंकि कटाव को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे हैं।
स्थानीय किसानों पर हो रहा है बड़ा असर
स्थानीय ग्रामीण मुन्ना कुमार और मोहम्मद आले ने बताया कि बागमती विभाग और जिला प्रशासन की ओर से इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। कटाव के कारण किसानों की फसलें, पेड़-पौधे और खेत भी नदी में विलीन हो रहे हैं। पिपराही, कटैया, मेसौढ़ा, रतनपुर जैसे गाँवों के रैयतों की जमीनें सबसे अधिक प्रभावित हो रही हैं। इस स्थिति ने किसानों को आर्थिक संकट में डाल दिया है, क्योंकि उनकी फसलें और संसाधन नदी की लहरों में बह रहे हैं।
- कटाव का असर पिपराही और आसपास के गाँवों पर बेहद गंभीर है।
- किसानों की फसलें और भूमि कटाव के कारण नष्ट हो रही हैं।
- स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
स्थानीय निवासियों की अपील
स्थानीय निवासी अब प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए। उनका कहना है कि यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में यह समस्या और भी विकट हो सकती है। गाँव के लोगों की मांग है कि प्रशासन को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और उचित समाधान प्रदान करना चाहिए।
ग्रामीणों का मानना है कि अगर प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेता, तो यह केवल पुल के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास के लिए भी खतरा बन सकता है। इसलिए, वे प्राधिकृत अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा कर रहे हैं।
अंतिम विचार
बागमती नदी पुल के पास तेजी से हो रहे कटाव की स्थिति ने स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को अब अपनी जमीनों और फसलों के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यह आवश्यक है कि संबंधित विभाग इस मुद्दे को प्राथमिकता दें और तत्काल उपाय करें, ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके। स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और उनकी आजीविका की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है।
इस समस्या के समाधान के लिए समय सीमा निर्धारित करना और नियमित निरीक्षण की प्रक्रिया को लागू करना आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।