बिहार में 5 करोड़ रुपये का गांजा जब्त, दो तस्कर गिरफ्तार
मसौढ़ी पुलिस ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए लगभग 5 करोड़ रुपये मूल्य का 369 किलो गांजा जब्त किया है। यह गांजा पश्चिम बंगाल से पटना लाया जा रहा था, जिसकी डिलीवरी मीठापुर क्षेत्र में होनी थी। पुलिस ने इस मामले में दो तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो इस अवैध कारोबार में शामिल थे।
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की कार्रवाई
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ट्रक में नशे की खेप लायी जा रही है। इस सूचना के आधार पर, वरीय अधिकारियों के नेतृत्व में एक चेकिंग अभियान चलाया गया। इसी दौरान, बीआर-01 जीएच 8399 नंबर के एक ट्रक को रोका गया और उसकी सघन जांच की गई।
तस्करों की पहचान और गिरफ्तारी
ट्रक की तलाशी के दौरान पुलिस को 12 बोरियों में कुल 36 पैकेट गांजा बरामद हुआ, जिसका कुल वजन 369.730 किलोग्राम था। पुलिस ने ट्रक के चालक लक्ष्मण कुमार और खलासी गुड्डू कुमार को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि ये दोनों अथमलगोला के निवासी हैं।
पुलिस का उद्देश्य: नेटवर्क को ध्वस्त करना
पटना के पूर्वी एसपी परिचय कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि जब्त किए गए गांजे का मुख्य सौदागर ट्रक का मालिक है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। उन्होंने बताया कि इस नेटवर्क में तस्करों का एक बड़ा गिरोह शामिल है और पुलिस का मुख्य उद्देश्य इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना है।
बिहार में नशे के कारोबार पर काबू पाने के प्रयास
बिहार में नशे के कारोबार पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस लगातार सक्रिय है। हाल ही में किए गए इस ऑपरेशन से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस ने नशे के तस्करों के खिलाफ अपनी कार्रवाई को और तेज कर दिया है। इस कार्रवाई से स्थानीय समुदाय में भी एक सकारात्मक संदेश गया है, जिससे लोगों में नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ी है।
पुलिस ने बताया कि इस प्रकार की कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी, ताकि नशे के तस्करों के नेटवर्क को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। साथ ही, जिला प्रशासन भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
समुदाय की भूमिका
स्थानीय निवासियों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। समाज के सभी वर्गों को मिलकर नशे के खिलाफ एकजुट होना होगा। पुलिस विभाग का मानना है कि यदि समुदाय सक्रिय रूप से सहयोग करता है, तो नशे के कारोबार पर काबू पाना संभव है।
इस घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि पुलिस प्रशासन नशे के कारोबार में लिप्त तत्वों को पकड़ने के लिए तत्पर है। आगे भी ऐसी कार्रवाइयों की उम्मीद की जा रही है, जिससे बिहार को नशामुक्त बनाने में मदद मिलेगी।