Drowning: बिहार में बाढ़ में डूबने से 10वीं के छात्र की मौत, कटिहार में दोस्तों के साथ नहाने गया था



कटिहार में बाढ़ के चलते 15 वर्षीय छात्र की डूबने से मौत कटिहार जिले के अमदाबाद प्रखंड में बाढ़ के पानी में डूबने से एक 15 वर्षीय छात्र की दुखद…

Drowning: बिहार में बाढ़ में डूबने से 10वीं के छात्र की मौत, कटिहार में दोस्तों के साथ नहाने गया था

कटिहार में बाढ़ के चलते 15 वर्षीय छात्र की डूबने से मौत

कटिहार जिले के अमदाबाद प्रखंड में बाढ़ के पानी में डूबने से एक 15 वर्षीय छात्र की दुखद मृत्यु हो गई। जानकारी के अनुसार, यह घटना बुधवार को किशनपुर पंचायत के गारद टोला गांव में हुई। मृतक की पहचान कोड़ा थाना क्षेत्र के हरिहरपुर निवासी मो. आलम के पुत्र अकमल के रूप में की गई है। यह घटना न केवल परिवार के लिए एक बड़ा आघात है, बल्कि पूरे गांव के लिए एक दुखद समाचार बन गई है।

अकमल की पढ़ाई और दुर्घटना का विवरण

मृतक के परिजनों ने बताया कि अकमल हाल ही में मैट्रिक परीक्षा की तैयारी के लिए अपने मौसा मो. मजहरूल हक के घर गारद टोला में रह रहा था। बुधवार की दोपहर, अकमल ने गांव के कुछ अन्य बच्चों के साथ मिलकर गांव के उत्तर दिशा में निर्माणाधीन हाईवे की ओर टहलने का निर्णय लिया। वहीं, उन्होंने सड़क किनारे बने एक गड्ढे में बाढ़ के पानी में नहाने का भी मन बना लिया।

नहाते वक्त अचानक अकमल का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया। उसके साथ नहा रहे अन्य बच्चों ने उसकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोगों को बुलाया। लेकिन जब तक उसे पानी से बाहर निकाला गया, तब तक काफी देर हो चुकी थी और वह डूबकर जान गंवा चुका था। यह घटना न केवल अकमल के परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए एक दुखदायी घटना बन गई, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया है।

परिवार का मुआवजे से इनकार

मृतक के पिता मो. आलम ने थाना और अंचल अधिकारी को लिखित रूप से सूचित किया है कि वे सरकारी मुआवजा नहीं लेंगे। इसके अलावा, उन्होंने पोस्टमार्टम कराने से भी साफ इनकार कर दिया है। अंचल पदाधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि मृतक के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया है। यह निर्णय परिवार के दुख को और भी गहरा कर देता है, क्योंकि वे अपने बेटे को खोने के बाद किसी भी प्रकार का औपचारिकता नहीं चाहते।

बाढ़ की स्थिति और उसके प्रभाव

यह ध्यान देने योग्य है कि अमदाबाद प्रखंड की एक दर्जन से अधिक पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे क्षेत्र में स्थिति गंभीर बनी हुई है। बाढ़ के कारण कई परिवार प्रभावित हुए हैं और लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में, यह घटना बाढ़ के खतरों को और भी उजागर करती है और स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

सुरक्षा सावधानियों की आवश्यकता

इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि बाढ़ के समय में बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को ऐसे खतरनाक स्थानों पर न जाने दें जहां उनकी जान को खतरा हो। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को भी बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी tragedies को रोका जा सके।

बिहार की इस घटना ने हमें यह याद दिलाया है कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सतर्क रहना कितना आवश्यक है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल परिवारों को बल्कि समाज को भी प्रभावित करती हैं। हमें एकजुट होकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए, ताकि भविष्य में किसी अन्य परिवार को इस तरह के दुख का सामना न करना पड़े।

इस दुखद घटना के बाद हम सभी को इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि हम अपने बच्चों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं। यह समय है जब हमें एकजुट होकर ऐसे खतरों का मुकाबला करना होगा और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा।

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