बिहार विधानसभा चुनाव: दूसरे चरण की वोटिंग में महत्वपूर्ण मुकाबले
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान आगामी 11 नवंबर को होगा। इस बार की वोटिंग में मुख्य तौर पर मिथिलांचल, शाहाबाद और मगध क्षेत्र की 61 सीटें शामिल हैं। इन सीटों में दो ऐसी सीटें भी हैं जहां प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज का खाता खुलने की उम्मीद जताई जा रही है।
इसके अलावा, इस चुनाव में भोजपुरी सिंगर पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह की सीट काराकाट, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी की सीट इमामगंज, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की सीट कुटुंबा और भोजपुरी सिंगर रितेश पांडे की सीट करगहर भी चर्चा में हैं। नवादा सीट से बाहुबली राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी भी चुनावी मैदान में हैं।
बिहार चुनाव में रिपोर्टिंग और सर्वे का महत्व
बिहार चुनाव में दैनिक भास्कर के 400 से ज्यादा रिपोर्टर ग्राउंड पर सक्रिय हैं। इन रिपोर्टरों द्वारा एकत्रित जानकारी के आधार पर, हमने 4 सीनियर पत्रकारों, 2 सेफोलॉजिस्ट्स और पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स के साथ चर्चा की है। इसके अलावा, राजनीतिक पार्टियों के आंतरिक सर्वे के परिणामों के आधार पर यह सर्वे तैयार किया गया है।
दूसरे चरण के चुनावी रुझान
दूसरे चरण में मिथिलांचल, शाहाबाद और मगध क्षेत्र में NDA को बढ़त मिलती हुई नजर आ रही है। 2020 के चुनाव में NDA ने यहां 61 सीटों में से 25 सीटें जीती थीं, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 33 से 38 तक हो सकती है।
भाजपा का प्रदर्शन भी पिछले चुनाव की तरह ही है, पार्टी 13 से 14 सीटों पर आगे चल रही है। हालांकि, JDU बेहतर प्रदर्शन करती नजर आ रही है, जहां 2020 में उसने 9 सीटें जीती थीं, जो इस बार 15 से 19 तक बढ़ सकती हैं। LJP-R केवल 1 सीट पर आगे है, जबकि जीतन राम मांझी की HAM 4 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
महागठबंधन की स्थिति
महागठबंधन को इस बार मिथिलांचल, शाहाबाद और मगध की 61 सीटों पर करीब 10 सीटों का नुकसान हो सकता है। 2020 में उनके पास 35 सीटें थीं, जो अब घटकर 21 से 27 होने की संभावना है। यह नुकसान मुख्यतः RJD को होता हुआ दिख रहा है।
विशेष सीटों पर मुकाबले की स्थिति
- काराकाट सीट: ज्योति सिंह की एंट्री ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। यहाँ CPI-ML के अरुण कुमार और JDU के महाबली सिंह भी मैदान में हैं।
- इमामगंज: दीपा मांझी मजबूत स्थिति में हैं और उनका मुकाबला RJD की रितु चौधरी से है।
- कुटुंबा: राजेश राम की सीट पर ललन राम NDA के कैंडिडेट के रूप में आगे चल रहे हैं।
- नवादा: विभा देवी को RJD के कौशल यादव से कड़ी टक्कर मिल रही है।
- करगहर: संतोष मिश्रा की स्थिति मजबूत है, लेकिन रितेश पांडे की एंट्री ने मामला रोचक बना दिया है।
रुझानों पर एक्सपर्ट्स का विश्लेषण
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चिराग पासवान की वापसी ने JDU को मजबूती प्रदान की है। अमरनाथ तिवारी का कहना है कि उनकी वापसी से NDA का वोट बैंक मजबूत हुआ है। भाजपा इस कोशिश में है कि JDU 50 से ज्यादा सीटें न जीते, लेकिन नीतीश कुमार की EBC वोट बैंक पर पकड़ भी महत्वपूर्ण है।
महिलाओं के वोटिंग पैटर्न पर भी चर्चा हुई है। कई जानकारों का मानना है कि नीतीश कुमार की डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम्स और जीविका जैसी योजनाएं महिलाओं के बीच मजबूती से काम कर रही हैं। इससे महिलाओं का बड़ा वोट नीतीश के पक्ष में जा सकता है।
विपक्षी पार्टी RJD की स्थिति पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कई विश्लेषकों का कहना है कि तेजस्वी यादव अपने माता-पिता की विरासत से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और इससे उनकी चुनावी संभावनाएं प्रभावित हो रही हैं।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण का मतदान महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। क्या NDA फिर से सत्ता में आएगा या महागठबंधन अपनी स्थिति मजबूत कर पाएगा, यह तो मतदान के बाद ही स्पष्ट होगा। लेकिन इस चुनाव में महिलाओं, युवाओं और सामाजिक मुद्दों के साथ-साथ जातिगत समीकरण भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।






















