P20 सम्मेलन: हरिवंश ने बिहार में महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें कीं



हरिवंश का जी-20 शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय संवाद हरिवंश की महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें जी-20 शिखर सम्मेलन में पटना | राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने दक्षिण अफ्रीका के क्लेनमंड में आयोजित…

P20 सम्मेलन: हरिवंश ने बिहार में महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें कीं

हरिवंश का जी-20 शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय संवाद

हरिवंश की महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें जी-20 शिखर सम्मेलन में

पटना | राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने दक्षिण अफ्रीका के क्लेनमंड में आयोजित 11वें जी-20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (पी 20) के दौरान कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें की। यह सम्मेलन दुनिया के विभिन्न देशों के संसदीय नेताओं के लिए एक मंच प्रदान करता है जहां वे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं। हरिवंश ने इस अवसर पर रूस, जर्मनी, इटली और मेजबान देश दक्षिण अफ्रीका की संसदों के पीठासीन अधिकारियों से मुलाकात की।

पी 20 सम्मेलन का उद्देश्य और महत्व

जी-20 संसदीय अध्यक्षों का यह शिखर सम्मेलन वैश्विक समृद्धि, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इसमें शामिल देशों के प्रतिनिधि एक-दूसरे के विचारों और नीतियों को समझते हैं और सहयोग के नए रास्ते तलाशते हैं। हरिवंश ने इस सम्मेलन में भाग लेकर भारत की संसद की भूमिका और योगदान को मजबूत किया है।

हरिवंश की द्विपक्षीय संवाद की प्राथमिकताएँ

बैठकों के दौरान, हरिवंश ने कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा जैसे विषय शामिल थे। उन्होंने भारत के विकास के अनुभवों को साझा करते हुए अन्य देशों के साथ सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। हरिवंश ने यह भी कहा कि संसदीय संवाद से आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, जो कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक है।

द्विपक्षीय बैठकें: वैश्विक मुद्दों पर चर्चा

हरिवंश ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन का यह मंच विभिन्न देशों के विचारों को साझा करने और विचार-विमर्श करने का एक अच्छा अवसर है। उन्होंने बताया कि द्विपक्षीय बैठकें केवल औपचारिकता नहीं हैं, बल्कि ये देशों के बीच गहरे संबंध स्थापित करने का माध्यम हैं। इन बैठकों में कई विषयों पर खुलकर चर्चा की गई, जैसे:

  • आर्थिक विकास: विभिन्न देशों के आर्थिक विकास के मॉडल पर चर्चा की गई।
  • जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सामूहिक रूप से कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
  • सुरक्षा सहयोग: सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग को बढ़ाने के लिए विचार-विमर्श किया गया।

भारत का अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थान

हरिवंश ने इस अवसर पर भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और उसकी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत न केवल एक उभरती हुई शक्ति है, बल्कि वैश्विक मुद्दों पर अपनी आवाज को मजबूती से प्रस्तुत करने की क्षमता भी रखता है। यह शिखर सम्मेलन भारत को एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने विचारों और नीतियों को रखने का अवसर प्रदान करता है।

निष्कर्ष: सहयोग की दिशा में एक कदम आगे

जी-20 संसदीय अध्यक्षों का शिखर सम्मेलन हरिवंश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन बैठकों के माध्यम से, उन्होंने वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को स्पष्ट किया। यह संवाद केवल राजनीतिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोन से भी महत्वपूर्ण है।

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