समस्तीपुर में शिक्षक-अभिभावक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
समस्तीपुर जिले के पूसा स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण शिक्षक-अभिभावक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम टीचर्स कॉलोनी पूसा के एक निजी विद्यालय परिसर में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों और शिक्षकों के बीच समन्वय को बढ़ावा देना था, ताकि छात्रों के शिक्षा और विकास में बेहतर सुधार हो सके।
अभिभावकों की भूमिका पर जोर
कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षाविद् ने अपने संबोधन में बताया कि छात्रों के सर्वांगीण विकास में अभिभावकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों के समन्वय से छात्रों को सही शिक्षा प्राप्त कर समाज और देश के विकास में योगदान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बाल्यावस्था में अध्ययनरत छात्रों के प्रति अभिभावकों के कर्तव्यों पर विस्तृत चर्चा की।
छात्रों की प्रतिभा को निखारने का प्रयास
शिक्षाविद् आलोक रंजन ने कहा कि अभिभावकों के सहयोग से छात्रों में छिपी प्रतिभा को उजागर किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर अभिभावक और शिक्षक एक-दूसरे के साथ मिलकर कार्य करें, तो छात्रों की शिक्षा में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। इस कार्यक्रम में बाल्यावस्था शिक्षा से संबंधित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें विश्वविद्यालय की छात्राओं ने अभिभावकों को जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ
- कार्यक्रम का संचालन अनन्या ने किया।
- छात्राओं ने प्रदर्शनी में अभिभावकों को बाल्यावस्था शिक्षा के महत्व के बारे में जानकारी दी।
- इस अवसर पर शिक्षिका शिखा कुमारी, आशीष गौरव, राजेश कर्ण, कृष्णा, रणबीर, निक्की, प्रिंस, और एम भुवनेश्वरी सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।
समाज में शिक्षा का महत्व
इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट किया कि समाज में शिक्षा का महत्व कितना है और इसे बढ़ावा देने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों का एकजुट होना आवश्यक है। जब अभिभावक और शिक्षक एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं, तो छात्रों का विकास होता है और वे समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनते हैं।
इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए बल्कि उनके अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी लाभकारी होते हैं। इससे सभी पक्षों को शिक्षा के महत्व और इसके विकास में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी मिलती है।
निष्कर्ष
समस्तीपुर में आयोजित यह शिक्षक-अभिभावक जागरूकता कार्यक्रम एक सकारात्मक पहल है, जो छात्रों के विकास में अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है। शिक्षा को समाज के विकास का आधार मानते हुए, सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। इस कार्यक्रम ने सभी को यह समझाया कि शिक्षा केवल विद्यालय में नहीं, बल्कि घर पर भी जारी रहती है, और इसके लिए अभिभावकों का सहयोग आवश्यक है।
अंततः, उम्मीद है कि इस तरह के कार्यक्रम आगे भी आयोजित होते रहेंगे, जिससे समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और छात्रों का समुचित विकास हो सकेगा।