Panchkula: बहन से झगड़ा कर पंचकूला की किशोरी पहुंची राजस्थान, जयपुर GRP ने किया बरामद, 4 अक्टूबर को हुई थी लापता



पंचकूला पुलिस ने 36 घंटे में किशोरी को जयपुर से किया बरामद किशोरी को परिवार से मिलवाते हुए पंचकूला पुलिस टीम। हरियाणा के पंचकूला में एक 17 वर्षीय किशोरी का…

Panchkula: बहन से झगड़ा कर पंचकूला की किशोरी पहुंची राजस्थान, जयपुर GRP ने किया बरामद, 4 अक्टूबर को हुई थी लापता

पंचकूला पुलिस ने 36 घंटे में किशोरी को जयपुर से किया बरामद

किशोरी को परिवार से मिलवाते हुए पंचकूला पुलिस टीम।

हरियाणा के पंचकूला में एक 17 वर्षीय किशोरी का अपनी बहन के साथ झगड़ा हुआ, जिसके बाद वह बिना किसी को बताए राजस्थान के जयपुर पहुंच गई। पंचकूला पुलिस ने महज 36 घंटे में किशोरी को जयपुर से खोज निकाला और उसके बयान दर्ज करने के बाद उसे उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया। इस मामले ने न केवल पुलिस की तत्परता को उजागर किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि कैसे तकनीकी सहायता से गुमशुदगी के मामलों को सुलझाया जा सकता है।

किशोरी का झगड़ा और घर से भागना

यह घटना 4 अक्टूबर को घटित हुई, जब किशोरी का अपनी बहन से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। झगड़े के बाद किशोरी ने घर से निकलने का निर्णय लिया और लगभग शाम 5 बजे वह बिना किसी को बताए अपने घर से चली गई। जब परिजनों ने रात में उसे खोजने का प्रयास किया, तो उन्हें उसकी कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद, परिजनों ने रात करीब 12:30 बजे गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया।

पुलिस ने शुरू की जांच

डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें अमरावती चौकी इंचार्ज प्रीतम सिंह शामिल थे। टीम ने मामले की जांच शुरू करते हुए किशोरी की लोकेशन ट्रेस करने के लिए साइबर सेल की मदद ली। तकनीकी जांच के आधार पर यह पता चला कि किशोरी राजस्थान के जयपुर में है।

जयपुर रेलवे स्टेशन पर किशोरी का पता लगाना

जब किशोरी की लोकेशन जयपुर रेलवे स्टेशन पर मिली, तो चंडीगढ़ GRP ने तुरंत जयपुर GRP टीम से संपर्क किया। इसके बाद जयपुर रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने किशोरी को खोज निकाला। किशोरी को सुरक्षित पाकर पुलिस ने आवश्यक कानूनी औपचारिकताएँ पूरी कीं और फिर उसे उसके परिवार के हवाले कर दिया।

पुलिस की तत्परता और तकनीकी सहायता का महत्व

इस मामले में पुलिस की तत्परता और तकनीकी सहायता की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही। किशोरी की सुरक्षित वापसी ने यह सिद्ध कर दिया कि पुलिस न केवल गुमशुदगी के मामलों में गंभीर है, बल्कि वह तकनीकी संसाधनों का सही उपयोग भी कर रही है। इस तरह की घटनाओं में, परिवारों को तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए और पुलिस को भी तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि समय पर किशोरीयों और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

उपसंहार

इस घटना ने समाज में किशोरों की मानसिक स्थिति और परिवारों के बीच संवाद की आवश्यकता को भी उजागर किया है। किशोरों के बीच झगड़े और तनाव के कारण कई बार ऐसी घटनाएँ घटित होती हैं, जो चिंता का विषय हैं। ऐसे में परिवारों को चाहिए कि वे अपने बच्चों से संवाद करें और उनकी समस्याओं को समझें।

इस प्रकार, पंचकूला पुलिस की इस तेज़ी से की गई कार्रवाई ने एक किशोरी को समय पर उसके परिवार के पास लौटाने में मदद की। यह घटना न केवल पुलिस के कार्यों का एक उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे तकनीकी मदद से गुमशुदगी के मामलों का समाधान किया जा सकता है।

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