बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। यह जानकारी दिल्ली के विज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी गई। आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता भी लागू हो गई है। यह चुनाव बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और इसकी तैयारी के लिए सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं।
बिहार में चुनाव की प्रक्रिया
बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान किया जाएगा। चुनाव की प्रक्रिया 22 नवंबर 2025 तक पूरी कर ली जाएगी। किशनगंज में मतदान 11 नवंबर 2025 को होगा। इस बार चुनाव आयोग ने सभी आवश्यक उपायों को ध्यान में रखते हुए चुनावी प्रक्रिया की योजना बनाई है।
किशनगंज में मतदाताओं की संख्या
किशनगंज की चार विधानसभा सीटों, जिनमें बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज और कोचाधामन शामिल हैं, में कुल 11,12,530 मतदाता हैं। इनमें 5,93,739 पुरुष, 5,18,755 महिलाएं और 36 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि किशनगंज में चुनावी प्रक्रिया में सभी वर्गों की भागीदारी होगी।
विधानसभावार मतदाता विवरण
- बहादुरगंज: कुल 2,87,638 मतदाता, जिनमें 1,53,240 पुरुष, 1,34,385 महिलाएं और 13 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।
- ठाकुरगंज: कुल 2,96,323 मतदाता, जिनमें 1,57,869 पुरुष, 1,38,449 महिलाएं और 5 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।
- किशनगंज: कुल 2,80,185 मतदाता, जिनमें 1,49,056 पुरुष, 1,31,118 महिलाएं और 11 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।
- कोचाधामन: कुल 2,48,384 मतदाता, जिनमें 1,33,574 पुरुष, 1,14,803 महिलाएं और 7 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।
इन आंकड़ों के अनुसार, जिले में सबसे अधिक मतदाता ठाकुरगंज विधानसभा में हैं, जबकि सबसे कम मतदाता कोचाधामन में हैं। यह स्थिति चुनावी रणनीतियों को प्रभावित कर सकती है।
चुनाव की तैयारियों पर प्रमुख जानकारी
बिहार में चुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि बिहार में SIR (सिस्टमेटिक इलेक्टोरल रिफॉर्म) पूरी तरह सफल रहा है। मतदाता सूची में यह सबसे बड़ी पहल रही है, जिससे मतदाता पहचान में सुधार हुआ है।
उन्होंने यह भी बताया कि जो मतदाता जिनके नाम, पता या उम्र में बदलाव हुआ है, उन्हें आगामी 15 दिन में नया वोटर कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। इस कदम से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और मतदाता आसानी से अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकेंगे।
समापन
बिहार विधानसभा चुनाव की यह प्रक्रिया न केवल राज्य की राजनीति को प्रभावित करेगी, बल्कि यह नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का भी सम्मान करेगी। सभी राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वे चुनावी प्रक्रिया में ईमानदारी और पारदर्शिता बनाए रखें। बिहारवासियों का यह फर्ज है कि वे अपने मताधिकार का सही उपयोग करें और सही उम्मीदवार का चयन करें।