“Alert: भीमगढ़ बांध के 2 गेट खोले गए, 12 घंटे में वैनगंगा नदी में आएगा उफान”



बालाघाट जिले में भीमगढ़ बांध से पानी छोड़ने का निर्णय बालाघाट जिले के भीमगढ़ बांध से 6 अक्टूबर को सुबह 10 बजे पानी छोड़ा गया। बांध के गेट क्रमांक 5…

“Alert: भीमगढ़ बांध के 2 गेट खोले गए, 12 घंटे में वैनगंगा नदी में आएगा उफान”

बालाघाट जिले में भीमगढ़ बांध से पानी छोड़ने का निर्णय

बालाघाट जिले के भीमगढ़ बांध से 6 अक्टूबर को सुबह 10 बजे पानी छोड़ा गया। बांध के गेट क्रमांक 5 और 6 को एक-एक मीटर खोला गया, जिससे वैनगंगा नदी में 10,790 क्यूसेक (लगभग 305 क्यूमेक) पानी प्रवाहित किया गया। यह पानी लगभग 12 घंटे बाद बालाघाट क्षेत्र में पहुँचने की संभावना है। इस निर्णय से नदी के किनारे बसे ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्तर बढ़ने की आशंका उत्पन्न हो गई है।

ग्रामीणों के लिए प्रशासन का अलर्ट

वैनगंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण लालबर्रा, वारासिवनी और बालाघाट के नदी किनारे स्थित गांवों के निवासियों को संभावित नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासन ने इस स्थिति को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। ग्रामीणों को नदी से सुरक्षित दूरी बनाए रखने और अपने मवेशियों को भी नदी से दूर रखने की अपील की गई है। बाढ़ या अतिवृष्टि की स्थिति में सहायता के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय बालाघाट के कंट्रोल रूम नंबर 07632-240102 पर संपर्क किया जा सकता है।

मानसून की विदाई और वर्षा के आंकड़े

जिले में मानसून अब धीरे-धीरे विदाई ले रहा है, हालांकि पिछले दो दिनों से हल्की वर्षा की घटनाएं दर्ज की गई हैं। 1 जून से 6 अक्टूबर तक बालाघाट जिले में औसत 1280 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जो पिछले वर्ष की 1220 मिलीमीटर वर्षा से 60 मिलीमीटर (लगभग ढाई इंच) अधिक है। बीते 24 घंटे में जिले में 9 मिलीमीटर वर्षा हुई है।

तहसीलवार वर्षा का विश्लेषण

तहसीलवार आंकड़ों के अनुसार, परसवाड़ा तहसील में सर्वाधिक 1733 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जबकि खैरलांजी तहसील में सबसे कम 536 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। अन्य तहसीलों में वर्षा के आंकड़े निम्नलिखित हैं:

  • बालाघाट: 1495 मिमी
  • वारासिवनी: 1551 मिमी
  • बैहर: 1573 मिमी
  • लांजी: 905 मिमी
  • कटंगी: 1208 मिमी
  • किरनापुर: 1269 मिमी
  • लालबर्रा: 1417 मिमी
  • बिरसा: 1125 मिमी
  • तिरोड़ी: 1257 मिमी

समुदाय की सुरक्षा को प्राथमिकता

प्रशासन ने बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए गांवों में सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया है। ग्रामीणों को नदी के किनारे न जाने की सलाह दी जा रही है, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। इसके अलावा, सभी संबंधित विभागों को आपातकालीन सेवाओं के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस समय, यह आवश्यक है कि सभी लोग प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

समुदाय की जागरूकता और सहयोग

इस मुश्किल समय में, समुदाय को एकजुट होकर एक-दूसरे की मदद करने की आवश्यकता है। ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वे अपने आसपास के लोगों को भी इस स्थिति के बारे में अवगत कराएं और जरूरत पड़ने पर प्रशासन को तुरंत सूचना दें। यह समय एकजुटता और सहयोग का है, ताकि हम सभी मिलकर इस चुनौती का सामना कर सकें।

निष्कर्ष

बालाघाट जिले में भीमगढ़ बांध से पानी छोड़ने के निर्णय ने कई गांवों में चिंताओं को जन्म दिया है। प्रशासन ने तत्परता से कार्रवाई की है और लोगों को सुरक्षा के लिए जागरूक किया है। सभी को इस स्थिति का सामना करने के लिए सजग रहने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी संभावित संकट से निपटा जा सके।

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