Uttar Pradesh News: लखनऊ छोटा इमामबाड़ा में Shia उलमा-अंजुमनों की बैठक, हुसैनाबाद ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, मौलाना जव्वाद बोले जमीनों को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं



लखनऊ में हुसैनाबाद ट्रस्ट की बैठक: शिया धर्म गुरु ने उठाए गंभीर आरोप लखनऊ के हुसैनाबाद स्थित छोटे इमामबाडे में रविवार को अन्जुमन हाय मातमी की ओर से एक महत्वपूर्ण…

Uttar Pradesh News: लखनऊ छोटा इमामबाड़ा में Shia उलमा-अंजुमनों की बैठक, हुसैनाबाद ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, मौलाना जव्वाद बोले जमीनों को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं

लखनऊ में हुसैनाबाद ट्रस्ट की बैठक: शिया धर्म गुरु ने उठाए गंभीर आरोप

लखनऊ के हुसैनाबाद स्थित छोटे इमामबाडे में रविवार को अन्जुमन हाय मातमी की ओर से एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद के नेतृत्व में बड़ी संख्या में उलमा शामिल हुए। बैठक का मुख्य विषय हुसैनाबाद ट्रस्ट की जमीनों और इमारतों की स्थिति पर चर्चा करना था। इस दौरान मौलाना कल्बे जव्वाद ने ट्रस्ट पर गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी कार्यशैली पर सवाल उठाए।

भ्रष्टाचार के आरोप और इमारतों की बदहाली

बैठक में मौलाना कल्बे जव्वाद ने हुसैनाबाद ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के अधीन आने वाले इमामबाडो, कर्बला और अन्य धार्मिक इमारतों की हालत बेहद खराब है। उनका कहना था कि यदि किसी ने हमारी जमीन या दुकान पर कब्जा कर लिया, तो हम किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे में, हम अपनी इबादतगाहों को बर्बाद होते हुए नहीं देख सकते। मौलाना ने कहा, “अरबों रुपये की संपत्ति बर्बाद हो रही है।” इस बयान ने बैठक में उपस्थित सभी लोगों का ध्यान खींचा।

मौलाना कल्बे जव्वाद ने यह भी कहा कि “हमें अपनी कीमती धरोहर को बर्बाद नहीं होने देना है।” उन्होंने हुसैनाबाद ट्रस्ट को भारत का सबसे बड़ा ट्रस्ट बताते हुए कहा कि इसके पास धन की कोई कमी नहीं है। लेकिन, अफसोस की बात यह है कि ट्रस्ट की अधिकांश इमारतें खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रस्ट की संपत्तियों पर मनमाने तरीके से अवैध कब्जे हो रहे हैं, जिससे धार्मिक स्थलों की स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है।

नई कमेटी की आवश्यकता और सरकार से मांग

मौलाना कल्बे जव्वाद ने बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया कि हुसैनाबाद ट्रस्ट में वर्तमान में कोई सक्रिय कमेटी नहीं है। इसी कारण से जिलाधिकारी मनमाने तरीके से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से निवेदन किया कि जल्द से जल्द ट्रस्ट की नई कमेटी का गठन किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने हुसैनाबाद ट्रस्ट की इमारतों के सौंदर्यीकरण और पुनर्निर्माण का कार्य शीघ्र शुरू करने की मांग की।

समुदाय की चिंताएँ और भविष्य की योजनाएँ

बैठक में शामिल अन्य उलमा और समुदाय के सदस्यों ने मौलाना कल्बे जव्वाद के विचारों का समर्थन किया और कहा कि इस समस्या का समाधान आवश्यक है। उन्होंने ट्रस्ट की संपत्तियों की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। इस संबंध में, उन्होंने ट्रस्ट की भलाई के लिए सभी समुदायों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस बैठक ने हुसैनाबाद ट्रस्ट की स्थिति को लेकर सभी को जागरूक किया है और यह दर्शाता है कि शिया समुदाय अपनी धार्मिक धरोहर के संरक्षण के प्रति कितनी गंभीर है। मौलाना कल्बे जव्वाद और अन्य उलमा का यह प्रयास निश्चित रूप से हुसैनाबाद ट्रस्ट के भविष्य को बेहतर बनाएगा।

इस प्रकार, हुसैनाबाद ट्रस्ट की बैठक ने न केवल धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर किया, बल्कि समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर काम करने की प्रेरणा भी दी। अब देखना यह है कि सरकार इस मुद्दे पर कितनी गंभीरता से कार्य करती है और हुसैनाबाद ट्रस्ट की स्थिति में सुधार लाने के लिए क्या कदम उठाएगी।

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