Defamation: तेजप्रताप की पार्टी का बालेन्द्र दास पर 10 करोड़ मानहानि, बोले- झूठे और कपटपूर्ण दावे कर रहे हैं



तेजप्रताप यादव की पार्टी द्वारा बालेन्द्र दास को कानूनी नोटिस जारी तेजप्रताप यादव के साथ बालेन्द्र दास। तेजप्रताप यादव की पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ ने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बालेन्द्र दास…

Defamation: तेजप्रताप की पार्टी का बालेन्द्र दास पर 10 करोड़ मानहानि, बोले- झूठे और कपटपूर्ण दावे कर रहे हैं

तेजप्रताप यादव की पार्टी द्वारा बालेन्द्र दास को कानूनी नोटिस जारी

तेजप्रताप यादव के साथ बालेन्द्र दास।

तेजप्रताप यादव की पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ ने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बालेन्द्र दास को एक कानूनी नोटिस जारी किया है। यह नोटिस 4 अक्टूबर 2025 को जनशक्ति जनता दल के वकील हिमांशु शर्मा द्वारा भेजा गया है। इस नोटिस में बालेन्द्र दास पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें पार्टी के स्वामित्व के झूठे दावों का उल्लेख किया गया है।

यह नोटिस जनशक्ति जनता दल के महासचिव मोती लाल रॉय की ओर से भेजा गया है। बालेन्द्र दास पहले जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। यह पार्टी लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव द्वारा स्थापित की गई है। तेजप्रताप यादव के दो करीबी सहयोगियों ने मिलकर इस पार्टी का गठन किया था। एक बालेन्द्र दास बहुजन समाज पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं, जबकि प्रशांत प्रताप राष्ट्रीय जनता दल के साथ हैं।

बालेन्द्र दास का चुनावी सफर

बालेन्द्र दास ने 2024 के लोकसभा चुनाव में जनशक्ति जनता दल के उम्मीदवार के रूप में हाजीपुर से चुनाव लड़ा। उन्हें बांसुरी छाप चुनाव चिह्न मिला था, लेकिन चुनाव में चिराग पासवान को जीत मिली और बालेन्द्र दास को 14वें स्थान पर रहकर केवल 1318 वोट प्राप्त हुए। जब बालेन्द्र दास और प्रशांत प्रताप ने जनशक्ति जनता दल से अलग रास्ता अपनाया, तब तेजप्रताप यादव ने घोषणा की कि अब पार्टी का चुनाव चिह्न ब्लैक बोर्ड है।

नोटिस में यह भी कहा गया है कि बालेन्द्र दास ने झूठे और कपटपूर्ण दावे किए हैं कि जनशक्ति जनता दल उनके स्वामित्व में है। यह आरोप सीधे तौर पर पार्टी की साख और प्रतिष्ठा पर हमला है।

कानूनी नोटिस के प्रमुख बिंदु

नोटिस में बालेन्द्र दास पर आरोप लगाया गया है कि वे जनता को गुमराह करने के लिए झूठे दावे कर रहे हैं। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि उनके खिलाफ धारा 318(1), 319(1), 318(2) और 318(4) के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया जा सकता है।

  • बालेन्द्र दास पर आरोप है कि उन्होंने जनशक्ति जनता दल के स्वामित्व का झूठा दावा किया है।
  • नोटिस में कहा गया है कि यदि वे 7 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगते हैं, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
  • उन्हें ₹10,00,00,000/- (दस करोड़ रुपये) का भुगतान करने की भी मांग की गई है।

बालेन्द्र दास की प्रतिक्रिया

इस मामले में बालेन्द्र दास ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि उन्हें वाट्सएप पर नोटिस प्राप्त हुआ है और वे इसका जवाब देंगे। उनका कहना है कि यह नोटिस गलत है क्योंकि उन्होंने जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा नहीं दिया है। उनका दावा है कि पार्टी पर उनका अधिकार है और वे इसके अलावा किसी अन्य पार्टी में नहीं गए हैं।

सवाल और विवाद

इस स्थिति में कई सवाल उठ रहे हैं। यदि जनशक्ति जनता दल का चुनाव चिह्न पहले से बांसुरी था, तो अब यह कैसे ब्लैक बोर्ड हो गया? यह एक गंभीर प्रश्न है। पार्टी के भीतर चल रहे इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।

तेजप्रताप यादव को याद दिलाते हुए कहा जा रहा है कि वे आरजेडी से 6 वर्षों के लिए निष्कासित किए गए थे, और अब जनशक्ति जनता दल के बैनर तले चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कई पार्टियों के साथ नया गठबंधन भी बनाया है और विभिन्न इलाकों में सभाएं कर रहे हैं।

भाई-भाई में खटास

तेजप्रताप और उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के बीच बयानबाजी भी बढ़ गई है। तेजस्वी ने कहा था कि उनके भाई चुनावों में उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारते रहते थे। इस स्थिति का असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है, और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि तेजप्रताप यादव आरजेडी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

निष्कर्ष

इस विवाद ने बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। बालेन्द्र दास और तेजप्रताप यादव के बीच चल रही खींचतान केवल एक कानूनी नोटिस तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आगामी चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आगामी दिनों में इस मामले की और भी जानकारी सामने आना तय है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पक्ष इस विवाद को कैसे सुलझाते हैं।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद जनशक्ति जनता दल की साख को प्रभावित कर सकता है और इसकी राजनीतिक स्थिति को कमजोर कर सकता है।

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