Music: पंडित छन्नूलाल मिश्रा की पुत्री नम्रता मिश्रा ने कहा, “वे केवल संगीत के बारे में ही बात करते थे…”



प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन गुरुवार सुबह हुआ। उनकी बेटी Namrata Mishra ने बताया कि पंडित जी लंबे समय…

Music: पंडित छन्नूलाल मिश्रा की पुत्री नम्रता मिश्रा ने कहा, “वे केवल संगीत के बारे में ही बात करते थे…”

प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन

प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन गुरुवार सुबह हुआ। उनकी बेटी Namrata Mishra ने बताया कि पंडित जी लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे। उन्होंने अपनी अंतिम सांस अपने निवास स्थान मिर्जापुर में ली, जहां वह अपनी बेटी के साथ रह रहे थे। उनके निधन से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

पंडित छन्नूलाल मिश्रा का योगदान

पंडित छन्नूलाल मिश्रा भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक महान हस्ताक्षर थे। उन्होंने अपनी गायकी से न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी शास्त्रीय संगीत की महत्ता को बढ़ावा दिया। उनकी आवाज़ में एक विशेष जादू था, जो सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता था। उनके द्वारा गाए गए राग और गीतों ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया।

पंडित जी का जन्म 1936 में उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बहुत ही कम उम्र में की थी और जल्द ही उन्हें शास्त्रीय संगीत में महारत हासिल हो गई। उनके गुरु उस्ताद बिस्मिल्ला खान जैसे दिग्गज संगीतकारों का उन पर गहरा प्रभाव था।

संगीत के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियां

  • पंडित छन्नूलाल मिश्रा ने गायन के क्षेत्र में कई पुरस्कार प्राप्त किए, जिनमें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और पद्म श्री शामिल हैं।
  • उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ हिन्दी फिल्म संगीत में भी योगदान दिया।
  • उनकी गायकी में कर्नाटकी और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का अनोखा संगम देखने को मिलता था।

उनका व्यक्तिगत जीवन और परिवार

पंडित छन्नूलाल मिश्रा का व्यक्तिगत जीवन भी संगीत से भरा हुआ था। उनका परिवार भी संगीत के प्रति समर्पित था। उनकी बेटी Namrata ने अपने पिता की परंपरा को आगे बढ़ाया और शास्त्रीय संगीत में अपनी पहचान बनाई। पंडित जी का मानना था कि संगीत केवल एक कला नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने का एक तरीका है।

उनके निधन से उनके परिवार, प्रशंसकों और संगीत प्रेमियों में गहरा दुख है। उनकी बेटी Namrata ने कहा, “मेरे पिता केवल एक अद्भुत गायक ही नहीं थे, बल्कि एक प्रेरक व्यक्ति थे। उनका संगीत हमेशा हमारे साथ रहेगा।”

संगीत जगत में छन्नूलाल मिश्रा की विरासत

पंडित छन्नूलाल मिश्रा का संगीत जगत में योगदान अमूल्य है। उनकी अद्भुत गायकी ने न केवल उनके समकालीनों को प्रभावित किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बना रहेगा। उनके द्वारा गाए गए रागों और गीतों को हमेशा याद किया जाएगा।

उनकी मृत्यु के बाद, संगीत प्रेमियों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कई प्रमुख संगीतकारों और कलाकारों ने उनके योगदान को स्वीकार किया और उनके प्रति सम्मान प्रकट किया। यह कहना गलत नहीं होगा कि पंडित छन्नूलाल मिश्रा का नाम भारतीय शास्त्रीय संगीत के इतिहास में हमेशा के लिए अमर रहेगा।

निष्कर्ष

पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए एक बड़ा नुकसान है। उनकी गायकी और संगीत के प्रति समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा। इस कठिन समय में उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं हैं। संगीत की दुनिया में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा।

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