डिम्पल हयाथी और उनके पति पर घरेलू सहायिका के साथ दुर्व्यवहार का मामला दर्ज
टॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री डिम्पल हयाथी और उनके पति विक्टर डेविड के खिलाफ उनके 22 वर्षीय घरेलू सहायिका द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद मामला दर्ज किया गया है। यह घटना हैदराबाद के शैखपेट स्थित उनके अपार्टमेंट में हुई। घरेलू सहायिका ने आरोप लगाया है कि इस जोड़े ने उनके साथ बार-बार दुर्व्यवहार किया, उन्हें भोजन नहीं दिया और उनका अपमान किया।
अभिनेत्री की घरेलू सहायिका ने यह भी बताया कि जब उसने इन घटनाओं को रिकॉर्ड करने का प्रयास किया, तो उनके पति ने उसका फोन छीन लिया और उसे तोड़ दिया। इस घटना ने उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए फ्री प्रेस जर्नल ने बताया कि मामला फिल्मनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है।
पुलिस कार्रवाई और कानूनी धाराएँ
पुलिस ने घरेलू सहायिका की शिकायत के आधार पर हमला, धमकी और महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में आरोपियों से पूछताछ के लिए बुलाए जाने की संभावना है। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता होती है ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके।
इस घटना ने समाज में घरेलू सहायिकाओं के प्रति हो रहे दुर्व्यवहार के मुद्दे को फिर से उभारा है। कई लोग अब इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं और इस तरह के व्यवहार की निंदा कर रहे हैं।
डिम्पल हयाथी का करियर और व्यक्तिगत जीवन
डिम्पल हयाथी का जन्म 21 अगस्त 1998 को हुआ था और वह मुख्य रूप से तेलुगू और तमिल फिल्मों में काम करती हैं। उन्होंने हैदराबाद में अपनी शिक्षा पूरी की और 19 वर्ष की आयु में अपने करियर की शुरुआत की। उनकी पहली फिल्म गुल्फ (2017) थी। इसके बाद उन्होंने यूरेका और द्विभाषी फिल्म देवी 2 (2019) में भी भूमिका निभाई।
वर्ष 2019 में, उन्होंने गड्दालकोंडा गणेश में वरुण तेज और अथर्वा के साथ “जार्रा जार्रा” आइटम नंबर में भी काम किया। डिम्पल को अत्रंगी रे में धनुष और सारा अली खान के साथ काम करने के लिए भी जाना जाता है। उनकी हालिया फिल्म रामाबानम 2023 में रिलीज हुई थी। डिम्पल के इंस्टाग्राम पर लगभग एक मिलियन फॉलोअर्स हैं, लेकिन उन्होंने इस मामले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
समाज में घरेलू सहायिकाओं की स्थिति
इस मामले ने घरेलू सहायिकाओं की स्थिति को लेकर एक बार फिर चर्चा का विषय बना दिया है। कई लोग मानते हैं कि इस प्रकार के मामलों में सख्त कानून और उचित कार्यवाही की आवश्यकता है। घरेलू सहायिकाओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है।
समाज में बदलाव लाने के लिए, हमें ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठानी होगी और पीड़ितों को समर्थन देना होगा। यह मामला केवल एक विशेष घटना नहीं है, बल्कि यह घरेलू सहायिकाओं के साथ हो रहे व्यापक दुर्व्यवहार को उजागर करता है। इस संदर्भ में, हमें एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है ताकि हम एक सुरक्षित और सम्मानजनक समाज की दिशा में अग्रसर हो सकें।