Rape: फिरोजाबाद में दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास, कोर्ट ने 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया



अरुण कुमार रावत | फिरोजाबाद 3 मिनट पहले कॉपी लिंक फिरोजाबाद में दुष्कर्म मामले में न्यायालय का फैसला फिरोजाबाद के थाना उत्तर क्षेत्र में एक गंभीर दुष्कर्म और अनुसूचित जाति…

Rape: फिरोजाबाद में दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास, कोर्ट ने 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया

अरुण कुमार रावत | फिरोजाबाद
3 मिनट पहले

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फिरोजाबाद में दुष्कर्म मामले में न्यायालय का फैसला

फिरोजाबाद के थाना उत्तर क्षेत्र में एक गंभीर दुष्कर्म और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) एक्ट से जुड़े मामले में न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट, नवनीत कुमार गिरि ने दोषी हनीफ खान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला विशेष रूप से संवेदनशील है और इससे समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।

न्यायालय ने आरोपी हनीफ खान पर दो लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यदि वह यह राशि जमा नहीं करता है, तो उसे अतिरिक्त कारावास का सामना करना होगा। इस प्रकार के निर्णय समाज में न्याय की उपलब्धता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला वर्ष 2022 का है, जब थाना उत्तर क्षेत्र की एक युवती की तबीयत लगातार खराब रहती थी। उसके परिवार ने उसके इलाज के लिए झाड़-फूंक का सहारा लिया। इसी दौरान आरोपी हनीफ खान का उनके घर आना-जाना शुरू हुआ। पीड़िता के अनुसार, एक दिन झाड़-फूंक के बहाने हनीफ ने उसे भभूत खिला दी, जिससे वह बेहोश हो गई। इस अचेत अवस्था में आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया।

होश आने पर जब युवती ने विरोध किया, तो आरोपी ने उसे बहला-फुसलाकर मामले को दबाने का प्रयास किया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि हनीफ ने झाड़-फूंक के नाम पर उसके साथ एक वर्ष तक शारीरिक शोषण किया। जब उसने कड़ा विरोध किया और आरोपी ने उसे धमकाना शुरू किया, तब पीड़िता ने साहस जुटाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस की कार्रवाई और न्याय प्रक्रिया

थाना उत्तर पुलिस ने इस प्रकरण में तुरंत कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया। विवेचना के बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। मुकदमे की पैरवी विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह सोलंकी ने की। गवाहों के बयान और मजबूत साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी हनीफ खान को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई।

न्यायालय के इस निर्णय से पीड़िता और उसके परिवार को राहत मिली है, वहीं पुलिस और अभियोजन पक्ष ने इसे न्याय की जीत बताया है। इस मामले ने समाज में दुष्कर्म के खिलाफ जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है।

समाज में दुष्कर्म के खिलाफ जागरूकता

इस फैसले ने एक बार फिर से यह स्पष्ट किया है कि न्यायालय दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा। समाज के सभी वर्गों को इस तरह के अपराधों के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता है। यह जरूरी है कि पीड़िताएं अपने अधिकारों के लिए खड़ी हों और ऐसे मामलों को दबाने के बजाय पुलिस में रिपोर्ट करें।

न्यायालय का यह निर्णय न केवल पीड़िता के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सन्देश है कि ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। समाज में सुरक्षा और सम्मान की भावना को बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

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