Navratri 2025 के दूसरे दिन Maa Brahmacharini की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी शक्ति और तपस्या की देवी हैं। इस दिन उनके पूजन से मनोकामना पूरी होती है और जीवन में सुख-शांति आती है। इस लेख में हम आपको पूजा विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त, भोग, मंत्र और आरती की जानकारी देंगे।
पूजा का महत्व (Importance)
Maa Brahmacharini देवी तपस्या और संयम की प्रतीक हैं। इस दिन उनके पूजन से मानसिक शांति, समृद्धि और आत्मबल प्राप्त होता है। Navratri के दूसरे दिन इस देवी की आराधना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पूजा विधि (Puja Vidhi)
पूजा की शुरुआत स्वच्छ स्थान पर देवी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करके की जाती है। जल, दूध, फूल और अक्षत अर्पित करें। देवी को फूल और नैवेद्य चढ़ाकर मंत्रों का जाप करें। ध्यान और भजन के साथ पूजा पूरी की जाती है। इस दिन व्रत रखने वाले भोग में फलों और हल्के व्यंजनों का सेवन कर सकते हैं।
शुभ मुहूर्त (Muhurat)
Maa Brahmacharini Puja का शुभ मुहूर्त सुबह 6:30 बजे से 9:00 बजे तक है। इस समय पूजा करने से देवी की कृपा अधिक प्राप्त होती है और व्रत का फल उत्तम होता है।
भोग और प्रसाद (Bhog)
पूजा में मुख्य रूप से फल, दुध, हलवा, खीर और अक्षत अर्पित करें। प्रसाद को परिवार और मित्रों में बांटना चाहिए। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी का भोग सरल और शुद्ध होना चाहिए।
मंत्र और आरती (Mantra & Arati)
Maa Brahmacharini का मुख्य मंत्र है: “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः”। इस मंत्र का जाप पूजा के दौरान करें। आरती करते समय दीपक जलाएं और देवी को आरती गाकर श्रद्धा पूर्वक समर्पण करें।