WhatsApp विवाद: प्रज्ञा त्रिवेदी ने अखिलेश दुबे की बेटी पर लगाए आरोप, कमिश्नर ने डीसीपी को सौंपी जांच



पिता द्वारा बदनाम की गई बेटी: प्रज्ञा त्रिवेदी की न्याय की मांग साकेत नगर स्थित मां सरस्वती अपार्टमेंट की निवासी प्रज्ञा त्रिवेदी ने हाल ही में पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार…

WhatsApp विवाद: प्रज्ञा त्रिवेदी ने अखिलेश दुबे की बेटी पर लगाए आरोप, कमिश्नर ने डीसीपी को सौंपी जांच

पिता द्वारा बदनाम की गई बेटी: प्रज्ञा त्रिवेदी की न्याय की मांग

साकेत नगर स्थित मां सरस्वती अपार्टमेंट की निवासी प्रज्ञा त्रिवेदी ने हाल ही में पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के कार्यालय में जाकर एक गंभीर आरोप लगाया है। प्रज्ञा का कहना है कि उनके पिता ने **15 साल पहले अश्लील साहित्य** प्रकाशित कर उन्हें बदनाम किया था, और अब उनकी बेटी भी सोशल मीडिया पर इसी तरह उनके खिलाफ काम कर रही है। प्रज्ञा ने इस मामले में अपने जीवन के लिए खतरा महसूस करते हुए कहा कि उन्हें **सुसाइड** करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

प्रज्ञा त्रिवेदी ने पुलिस कमिश्नर को बताया कि एक एडवोकेट, अखिलेश दुबे, ने उनके होटल को हड़पने की कोशिश की थी। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो दुबे ने उन्हें बदनाम करने के उद्देश्य से अश्लील साहित्य छपवाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दुबे ने उन्हें कई **फर्जी मामलों** में फंसाया, लेकिन उनकी शिकायतों के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस स्थिति के चलते, प्रज्ञा ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और एक मुकदमा दर्ज कराया।

पुलिस की कार्रवाई और क्लोजर रिपोर्ट

प्रज्ञा ने बताया कि जब उन्होंने अदालत में शिकायत की, तो पुलिस ने उस मुकदमे को मात्र **पांच घंटे** में क्लोजर रिपोर्ट लगाकर खत्म कर दिया। इस पर प्रज्ञा ने कड़ी आपत्ति जताई और क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी। ऑपरेशन महाकाल में अखिलेश दुबे पर कार्रवाई के बाद, अदालत ने फिर से विवेचना के आदेश दिए। प्रज्ञा ने कोर्ट में अपने बयानों में पहले हुई घटनाओं का विस्तार से जिक्र किया और दुबे और उसके सहयोगियों का नाम भी लिया।

प्रज्ञा का आरोप है कि इसके बाद दुबे की बेटी ने एबीसी न्यूज और ताजा खबर के व्हाट्सएप पेज पर अपने मोबाइल नंबर से अश्लील खबरें भेजनी शुरू कर दी हैं। प्रज्ञा ने कहा कि **15 साल पहले** जो उनके पिता ने किया, वही अब उनकी बेटी कर रही है। इस सबके कारण उनकी छवि को गंभीर नुकसान पहुँचा है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर के समक्ष न्यूज चैनल द्वारा प्रसारित खबर के स्क्रीनशॉट के साथ शिकायत दर्ज कराई और मामले में उचित कार्रवाई की मांग की।

न्याय की तलाश में प्रज्ञा त्रिवेदी

प्रज्ञा त्रिवेदी की यह कहानी केवल एक निजी त्रासदी नहीं है, बल्कि यह समाज में **महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार** और उनके खिलाफ हो रहे अन्याय का एक उदाहरण है। अगर पुलिस और न्यायालय इस तरह के मामलों में तत्परता से कार्रवाई नहीं करेंगे, तो ऐसे बहुत से लोग हैं जो न्याय की तलाश में भटकते रह जाएंगे। प्रज्ञा ने न केवल अपने मामले को उठाया है, बल्कि वह अन्य महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा बनना चाहती हैं, जो अपने हक के लिए लड़ रही हैं।

इस मामले ने न केवल प्रज्ञा बल्कि पूरे समाज को यह सोचने पर मजबूर किया है कि **महिलाओं के अधिकारों** की रक्षा कैसे की जाए। प्रज्ञा का यह संघर्ष हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए और किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

समाज और सरकार की भूमिका

इस प्रकार के मामलों में सरकार और समाज की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। समाज को चाहिए कि वह ऐसे मामलों में पीड़ितों का साथ दे और उनके हक के लिए खड़ा हो। वहीं, सरकार को भी चाहिए कि वह प्रभावी कानून बनाए और उनके सही क्रियान्वयन को सुनिश्चित करे। प्रज्ञा त्रिवेदी का मामला एक सामाजिक चेतना का प्रतीक है, जो हमें यह सिखाता है कि हमें अपने हक के लिए कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए।

आखिरकार, यह केवल एक व्यक्तिगत कहानी नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक आवाज है जो **न्याय** की मांग कर रही है। प्रज्ञा का संघर्ष हमें यह सिखाता है कि हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहना होगा, चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो।

UP News in Hindi

लेखक –

Recent Posts