H-1B वीज़ा नियम: क्या आईआईटी और आईआईएम में आगामी प्लेसमेंट सीज़न पर पड़ेगा असर?



क्या H-1B वीजा नियम IITs और IIMs के आगामी प्लेसमेंट सीजन पर प्रभाव डालेगा? H-1B वीजा के नियमों में बदलाव का प्रभाव H-1B वीजा नियमों में हालिया बदलावों ने भारतीय…

H-1B वीज़ा नियम: क्या आईआईटी और आईआईएम में आगामी प्लेसमेंट सीज़न पर पड़ेगा असर?





क्या H-1B वीजा नियम IITs और IIMs के आगामी प्लेसमेंट सीजन पर प्रभाव डालेगा?


H-1B वीजा के नियमों में बदलाव का प्रभाव

H-1B वीजा नियमों में हालिया बदलावों ने भारतीय छात्रों के बीच चिंता का माहौल बना दिया है। यह वीजा अमेरिका में काम करने की अनुमति देने वाला एक प्रमुख साधन है, और इसके नियमों में बदलाव हजारों छात्रों के करियर पर गहरा असर डाल सकता है। विशेष रूप से, IITs और IIMs के अंतिम वर्ष के छात्र जो विदेश में नौकरी पाने की तैयारी कर रहे हैं, अब अपनी भविष्य की संभावनाओं को लेकर संशय में हैं।

अमेरिका की उच्च शिक्षा प्रणाली में भारतीय छात्रों की बड़ी संख्या होती है, और H-1B वीजा उनके लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। यह वीजा न केवल उन्हें अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है, बल्कि उनके लिए एक स्थायी निवास की संभावना भी खोलता है। हाल ही में, अमेरिका सरकार ने इस वीजा के नियमों को सख्त करने की घोषणा की है, जिससे छात्रों के लिए अवसर कम हो सकते हैं।

छात्रों की चिंताएँ

H-1B वीजा की नई नियमावली से प्रभावित होने वाले छात्रों की संख्या बहुत अधिक है। कई छात्रों का मानना है कि यह बदलाव उनकी नौकरी की संभावनाओं को गंभीरता से प्रभावित कर सकता है। 2026 में प्लेसमेंट सीजन के दौरान, कई छात्र अपनी अंतिम परीक्षा के बाद अमेरिका में नौकरी पाने की योजना बना रहे थे। अब, उन्हें यह चिंता सताने लगी है कि क्या ये योजनाएँ सफल होंगी या नहीं।

इसके अलावा, छात्रों ने यह भी बताया कि उनके लिए यह निर्णय लेना कठिन हो रहा है कि उन्हें विदेशी कंपनियों में नौकरी के लिए आवेदन करना चाहिए या फिर भारत में अवसरों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कई छात्र अमेरिका में कार्य अनुभव प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं, लेकिन अब वे अपने निर्णयों पर पुनर्विचार कर रहे हैं।

क्या हैं नए नियम?

H-1B वीजा के नए नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं, जैसे कि आवेदन प्रक्रिया को और अधिक कठिन बनाना और वीजा की स्वीकृति दर को कम करना। इससे पहले, भारतीय छात्रों को अमेरिका में काम करने के लिए एक अपेक्षाकृत सरल प्रक्रिया का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें अधिक कागजी कार्रवाई और साक्षात्कार के दौर से गुजरना पड़ सकता है।

हालाँकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति अस्थायी हो सकती है। यदि अमेरिका में आर्थिक स्थिति सुधरती है और कंपनियाँ अधिक श्रमिकों की मांग करती हैं, तो H-1B वीजा के नियमों में भी बदलाव हो सकता है। लेकिन इस समय, छात्रों को अपनी संभावनाओं के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।

छात्रों के लिए विकल्प

इस नई स्थिति के बावजूद, छात्रों के पास कुछ विकल्प हैं। उन्हें चाहिए कि वे स्थानीय कंपनियों में अवसरों की खोज करें या उन देशों में नौकरी के लिए आवेदन करें जहां वीज़ा प्रक्रिया सरल है। इसके अलावा, छात्रों को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि वे भारत में अपने कौशल को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करें, ताकि वे स्थानीय कंपनियों के लिए अधिक मूल्यवान बन सकें।

निष्कर्ष

H-1B वीजा नियमों में बदलाव निश्चित रूप से IITs और IIMs के छात्रों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। छात्रों को चाहिए कि वे इस समय का उपयोग अपने कौशल को बढ़ाने और नए अवसरों की खोज करने में करें। हालाँकि, यह महत्वपूर्ण है कि वे अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर सजग रहें और किसी भी संभावित बदलाव के लिए तैयार रहें।

इस प्रकार, अगले प्लेसमेंट सीजन में छात्रों को अपनी रणनीतियों को फिर से विचार करने की आवश्यकता होगी ताकि वे अपने करियर के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।


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