“Speed: पाली में दिव्यांगों ने संस्कृत-अंग्रेजी में दी स्पीड, भामाशाह ने नेत्रहीनों के साथ मनाया दीपावली स्नेह मिलन”



पाली में दीपावली स्नेह मिलन समारोह का आयोजन पाली शहर के नेत्रहीन स्कूल में शनिवार को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसे दीपावली स्नेह मिलन समारोह नाम दिया गया।…

“Speed: पाली में दिव्यांगों ने संस्कृत-अंग्रेजी में दी स्पीड, भामाशाह ने नेत्रहीनों के साथ मनाया दीपावली स्नेह मिलन”

पाली में दीपावली स्नेह मिलन समारोह का आयोजन

पाली शहर के नेत्रहीन स्कूल में शनिवार को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसे दीपावली स्नेह मिलन समारोह नाम दिया गया। इस समारोह का उद्देश्य दृष्टिहीन छात्रों और कर्मचारियों के बीच प्रेम और एकता का संदेश फैलाना था। इस आयोजन में भामाशाह बलदेव सिंह सोलंकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने छात्रों एवं स्टॉफ के बीच गिफ्ट और कपड़े वितरित किए।

दीपावली जैसे पर्व पर आयोजित इस समारोह ने सभी को एकजुट होने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया। विद्यालय के छात्रों और उनके परिवारों ने इस आयोजन का भरपूर आनंद लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में भामाशाह बलदेव सिंह ने सभी उपस्थित लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं और दृष्टिहीन छात्रों के प्रति अपनी स्नेह भावना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि समाज में समानता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देना आवश्यक है।

संस्थान के सदस्यों का सम्मान

इस अवसर पर, नेत्रहीन विकास उद्योग समिति के सदस्य ललित देव शर्मा का भी सम्मान किया गया। उनके योगदान को देखते हुए कार्यक्रम में उन्हें विशेष रूप से सराहा गया। उन्होंने संस्था में कार्य करते हुए दृष्टिहीन छात्रों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके कार्यों ने न केवल छात्रों के जीवन में सुधार किया है, बल्कि समाज में जागरूकता भी फैलाई है।

कार्यक्रम में शामिल हुए छात्रों ने उत्साह और खुशी के साथ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन भी किया। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छात्रों ने अपनी आवाज और कला का जादू बिखेरा, जिससे पूरा माहौल गूंज उठा। इस तरह के कार्यक्रमों से छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें अपनी क्षमताओं का एहसास होता है।

भामाशाहों का योगदान

भामाशाहों का योगदान इस तरह के कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण होता है। बलदेव सिंह सोलंकी जैसे व्यक्तियों के प्रयासों से दृष्टिहीन छात्रों को न केवल आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान भी मिलता है। इस प्रकार के सहयोग से छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और वे अपने भविष्य के प्रति आशान्वित होते हैं।

  • दीपावली जैसे त्योहारों का महत्व
  • सामाजिक एकता का संदेश
  • भामाशाहों का समर्थन और योगदान
  • छात्रों की प्रतिभा का प्रदर्शन

समारोह का महत्व

इस तरह के समारोह ना केवल दृष्टिहीन छात्रों के लिए बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। यह हमें यह याद दिलाते हैं कि हर व्यक्ति की अपनी विशेषताएँ होती हैं और हमें उन्हें अपनाना चाहिए। समारोह में शामिल सभी लोगों ने एकजुट होकर यह संदेश दिया कि समाज में किसी भी प्रकार की बाधा को पार किया जा सकता है।

दीपावली स्नेह मिलन समारोह ने पाली शहर के नेत्रहीन स्कूल में एक सकारात्मक माहौल का निर्माण किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से दृष्टिहीन छात्रों को यह अनुभव हुआ कि वे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और उनके सपने भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने कि दूसरों के।

निष्कर्ष

इस प्रकार, पाली के नेत्रहीन स्कूल में आयोजित दीपावली स्नेह मिलन समारोह ने सभी के दिलों में एकता और प्रेम का संचार किया। भामाशाहों के योगदान और छात्रों की प्रतिभा ने इस कार्यक्रम को विशेष बना दिया। ऐसे आयोजनों की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है, ताकि हम सभी मिलकर एक समृद्ध और समावेशी समाज का निर्माण कर सकें।

आशा है कि इस प्रकार के और भी कार्यक्रम आगे आयोजित किए जाएं, ताकि दृष्टिहीन छात्रों को समाज में अपनी पहचान बनाने का और अधिक अवसर मिल सके।

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