Rajasthan News: UTB Doctors को हाईकोर्ट से राहत, एक महीने में सरकार करे निर्णय



राजस्थान हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय: चुरू के डॉक्टरों को मिलेगा मौका राजस्थान के जोधपुर स्थित हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अर्जेंट टेम्पररी बेसिस (UTB) पर नियुक्त चुरू के दो डॉक्टरों…

Rajasthan News: UTB Doctors को हाईकोर्ट से राहत, एक महीने में सरकार करे निर्णय

राजस्थान हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय: चुरू के डॉक्टरों को मिलेगा मौका

राजस्थान के जोधपुर स्थित हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अर्जेंट टेम्पररी बेसिस (UTB) पर नियुक्त चुरू के दो डॉक्टरों की अपील का निस्तारण करते हुए उन्हें अपनी बात रखने का एक नया अवसर प्रदान किया है। जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस अनुरूप सिंघी की पीठ ने इस मामले में महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं, जिससे प्रभावित डॉक्टरों को राहत मिली है।

डॉक्टरों का मामला: क्या है पूरा विवाद?

इस मामले में अपीलकर्ता डॉ. भरत प्रताप सिंह शेखावत हैं, जो सीकर के पलसाना निवासी हैं और सरदारशहर ब्लॉक के राजासर बीका पीएचसी में मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। दूसरे अपीलकर्ता डॉ. सुरजीतसिंह हैं, जो रतनगढ़ चुरू के निवासी हैं और आसलर पीएचसी में मेडिकल ऑफिसर के रूप में सेवा दे रहे थे। दोनों डॉक्टरों को UTB पर नियुक्त किया गया था, लेकिन जैसे ही नियमित भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित उम्मीदवारों को चुरू जिले में रिक्त पदों पर तैनात किया गया, तब उनके सामने सेवाएं समाप्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया।

इस संदर्भ में, दोनों डॉक्टरों ने सिंगल बेंच के समक्ष याचिका दायर की। सिंगल बेंच ने अपने निर्णय में कहा कि नियमित रूप से चयनित उम्मीदवारों को जिला चुरू में तैनात किया गया है। इसके साथ ही, सिंगल बेंच ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के लिए यह संभव है कि वह नियमित भर्ती के बाद रिक्त पदों को संविदा या UTB नियुक्तियों के तहत भरें।

सिंगल बेंच का निर्णय और डॉक्टरों की अपील

सिंगल बेंच के निर्णय से असंतुष्ट होकर डॉक्टरों ने अधिवक्ता यशपाल खिलेरी के माध्यम से डिवीजन बेंच में विशेष अपील की। इस अपील में एडवोकेट खिलेरी ने बताया कि चुरू जिले में मेडिकल ऑफिसर के रिक्त पदों के लिए उनकी नियुक्ति के संबंध में रतनगढ़ सीएमएचओ द्वारा विचार किया जाना चाहिए, जो नियमित भर्ती द्वारा नहीं भरे गए हैं।

इस पर, अतिरिक्त महाधिवक्ता एनएस राजपुरोहित और एडवोकेट अदिति शर्मा ने अदालत को आश्वासन दिया कि यदि कोई रिप्रेजेंटेशन दायर किया जाता है, तो उस पर विधिवत विचार किया जाएगा। यह आश्वासन डॉक्टरों के लिए राहत की बात है, क्योंकि इससे उनकी नियुक्ति के संभावित रास्ते खुल सकते हैं।

कोर्ट का आदेश: रिप्रेजेंटेशन पर विचार होगा

डिवीजन बेंच ने विशेष अपील का निस्तारण करते हुए अपीलकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे अपने रिप्रेजेंटेशन को दायर करें। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सीएमएचओ रतनगढ़ को इस रिप्रेजेंटेशन पर विधिवत विचार करना होगा, यदि UTB या संविदा पद रिक्त हैं। यह निर्देश डॉक्टरों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वे अपनी सेवाओं को जारी रखने में सक्षम हो सकते हैं।

कोर्ट ने यह भी बताया कि यदि मेडिकल ऑफिसर के पद पर नियमित भर्ती के बाद भी कुछ पद रिक्त रहते हैं, तो उन पर UTB नियुक्ति देने के लिए उचित रूप से विचार किया जाएगा। यह बात उन डॉक्टरों के लिए विशेष महत्व रखती है, जिनकी सेवाएं पहले से ही UTB पर हैं और जिन्हें नियमित भर्ती के कारण खतरा महसूस हो रहा है।

महत्वपूर्ण समय सीमा: एक माह में किया जाएगा निर्णय

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि रिप्रेजेंटेशन की प्रक्रिया इस आदेश की प्रमाणित प्रति के साथ दायर करने की तारीख से एक माह के भीतर पूरी की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि डॉक्टरों के मामले को समय पर निपटाया जाए और उन्हें राहत मिले।

इस मामले ने न केवल चुरू जिले के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में संवेदनशीलता को उजागर किया है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे न्यायालयी प्रक्रिया के माध्यम से कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा की जा सकती है। डॉक्टरों की यह अपील उनके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।

राजस्थान हाईकोर्ट के इस निर्णय से चिकित्सकीय सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों को एक नया आश्वासन मिला है कि उनकी मेहनत और समर्पण को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।

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