राजस्थान में मिलावट के खिलाफ कार्रवाई: 100 किलो सोयाबीन घोल नष्ट
राजस्थान के कामा कस्बे में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक डेयरी पर मिलावट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। इस कार्रवाई के तहत, टीम ने मौके पर 100 किलो सोयाबीन का घोल और 100 किलो मिलावटी पनीर नष्ट किया। यह कार्यवाही सरकार के ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान के अंतर्गत की गई, जिसका उद्देश्य आम जनता को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने इस डेयरी से पनीर और क्रीम के नमूने लिए। जांच में यह पाया गया कि डेयरी में सोयाबीन घोल मिलाकर मिलावटी पनीर बनाया जा रहा था। इस संदर्भ में खाद्य सुरक्षा अधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि यह निरीक्षण आयुक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय सिंघल के निर्देश पर किया गया था।
डेयरी संचालक को सुधार नोटिस जारी
कार्रवाई के दौरान, लगभग 500 लीटर दूध भी नष्ट किया गया। इसके साथ ही, डेयरी संचालक को धारा 32 के तहत सुधार नोटिस जारी किया गया है। उन्हें साफ-सफाई रखने और भविष्य में मिलावटी पनीर न बनाने की सख्त हिदायत दी गई है। यह कदम खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि लिए गए पनीर और क्रीम के नमूनों को जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला भरतपुर भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद, एफएसएस एक्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई न केवल स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है, बल्कि यह समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर चल रहा अभियान
यह कार्रवाई मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर चलाए जा रहे ‘शुद्ध प्रहार मिलावट पर वार’ अभियान का हिस्सा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य आमजन को सुरक्षित और शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी नरेंद्र सिंह और सोहनलाल यादव ने इस कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- कामा कस्बे की डेयरी पर कार्रवाई में 100 किलो सोयाबीन का घोल नष्ट किया गया।
- डेयरी संचालक को सुधार नोटिस जारी किया गया है।
- 500 लीटर दूध भी मौके पर नष्ट किया गया।
- सभी नमूनों को जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में भेजा गया है।
- मुख्यमंत्री के निर्देश पर ‘शुद्ध प्रहार मिलावट पर वार’ अभियान चलाया जा रहा है।
इस प्रकार की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि सरकार खाद्य सुरक्षा को गंभीरता से ले रही है और लोगों को शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसे-जैसे यह अभियान आगे बढ़ेगा, उम्मीद की जाती है कि और भी खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे आम जनता का स्वास्थ्य बेहतर हो सके।
कुल मिलाकर, मिलावट के खिलाफ यह कदम न केवल स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता को दर्शाता है, बल्कि यह समाज में स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
आम जनता से भी अपील की गई है कि वे ऐसे मामलों की सूचना संबंधित अधिकारियों को दें ताकि मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।